नयी दिल्ली, 18 मई उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को भाजपा के दो कार्यकर्ताओं के परिजन की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई जो दो मई को पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा में मारे गए थे। याचिका में शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच कराने और मामले को सीबीआई या विशेष जांच दल (एसआईटी) को स्थानांतरित करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति विनीत शरण और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र को बिश्वजीत सरकार और स्वर्णलता अधिकारी की याचिका पर नोटिस जारी किया। सरकार के बड़े भाई और स्वर्णलता के पति चुनावी हिंसा में मारे गए थे।
पीठ ने कहा कि वह 25 मई को मामले पर सुनवाई करेगी और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से कहा कि याचिका की प्रति राज्य सरकार के वकील को सौंपी जाए।
जेठमलानी ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है और भाजपा के दो नेताओं की जघन्य हत्या पर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि ये हत्याएं राज्य विधानसभा चुनावों के मतगणना के दिन हुईं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई या एसआईटी द्वारा अदालत की निगरानी में जांच किए जाने की जरूरत है क्योंकि राज्य पुलिस शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हत्याएं पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के दिन हुईं। एक याचिकाकर्ता भाजपा कार्यकर्ता का छोटा भाई है जिसकी हत्या हो गई और दूसरी याचिकाकर्ता मृतक की पत्नी है।’’
पीठ ने पश्चिम बंगाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा से पूछा कि याचिका की प्रति राज्य सरकार को भेजी गई है या नहीं जिस पर उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें प्रति प्राप्त नहीं हुई है।
इसने जेठमलानी से कहा कि प्रति भेजी जाए और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 25 मई तय की।
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