शिमला/रामपुर, 20 जुलाई हिमाचल प्रदेश के शिमला और किन्नौर जिलों में बृहस्पतिवार को अचानक आई बाढ़ से सड़कें अवरुद्ध हो गईं और खेतों तथा वाहनों को नुकसान पहुंचा, जिससे अधिकारियों को किन्नर कैलाश यात्रा स्थगित करनी पड़ी।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, पहाड़ी राज्य में मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़ और सड़क दुर्घटनाओं में 131 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे राज्य को 4,985 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
किन्नौर के उपायुक्त (डीसी) तारुल एस रवीश ने कहा कि बृहस्पतिवार को किन्नौर में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और बादल फटने से 27 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और सांगला घाटी के कामरू पंचायत में कृषि भूमि जलमग्न हो गई।
डीसी ने कहा कि खराब मौसम के कारण किन्नर कैलाश यात्रा को अस्थायी रूप से 15 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह यात्रा आमतौर पर एक अगस्त को कल्पा से शुरू होती है।
यात्रा किन्नौर जिले में 6,050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित किन्नर कैलाश शिखर पर समाप्त होती है।
राज्य में भारी बारिश के कारण निचार उपमंडल और सांगला तहसील के सभी स्कूल तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं।
किन्नौर के डीसी ने कहा कि जिले में 25 जुलाई तक हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी नागरिकों को सतर्क और घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
उन्होंने कहा कि किन्नौर में रुंगनू नाले के पास स्थित सड़क, एकतरफा यातायात के लिये आंशिक रूप से बहाल कर दी गई है।
प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद से किन्नौर जिले को इस मानसून में अब तक 88.95 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
शिमला के डीसी आदित्य नेगी ने बताया कि बादल फटने के बाद बौरोनी नाले में जलस्तर बढ़ गया और रामपुर और झाकड़ी के बीच शिमला-किन्नौर राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर पानी भर गया।
उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क खोलने का काम शुरू कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को किन्नौर और शिमला जिलों में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
अधिकारियों के अनुसार कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण राज्य में 676 सड़के अवरुद्ध हुई है और साथ ही साथ 578 घर पूरी तरह से तथा 4,973 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त संपत्तियों में राज्य की 233 दुकानें और 1,463 गौशालाएं भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कृषि भूमि और बागवानी को हुई क्षति 228 करोड़ पर पहुंच गई है और केंद्रीय दल राज्य के बारिश प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहा है।
स्थानीय मौसम विभाग ने 24 जुलाई तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट चेतावनी जारी किया है। इसने चंबा, मंडी, कुल्लू, शिमला और सिरमौर जिलों में कम से मध्यम बाढ़ के खतरे की चेतावनी भी जारी की है।
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से भारी बारिश हुई और नारकंडा में 87 मिलीमीटर, शिलारो (शिमला) में 86 मिलीमीटर, करसोग में 38.5 मिलीमीटर, भरमौर में 38 मिलीमीटर, साराहन में 35 मिलीमीटर और जुब्बरहट्टी में 34 मिलीमीटर बारिश हुई।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)