देश की खबरें | सबसे बड़े लोकतंत्र में इस तरह का तमाशा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता:धनखड़ ने रास में गतिरोध पर कहा

ईटानगर, 30 नवंबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यसभा के पदेन सभापति ने संसद के उच्च सदन में सदस्यों द्वारा कार्यवाही बाधित करने की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि ‘लोकतंत्र की जननी' में 'इस तरह का तमाशा' बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

धनखड़ ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी गहरी पीड़ा व्यक्त करता हूं, भारतीय संविधान को अपनाने के 75वें साल में प्रवेश करते हुए, हम राज्यसभा में एक पल के लिए भी काम नहीं कर सके, मेरा सिर शर्म से झुक गया है। हम उस देश में इस तरह का तमाशा बर्दाश्त नहीं कर सकते जो लोकतंत्र की जननी है, सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हम संविधान की भावना के खिलाफ कैसे जा सकते हैं? हम अपने दायित्वों से कैसे पीछे हट सकते हैं?’’

उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपकी विधानसभा इससे अलग है। यह एक शानदार उदाहरण है, आशा की किरण है।’’

धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि अंततः सभी का हित राष्ट्र की समृद्धि में निहित है। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी स्थिति में किसी भी हित को अपने राष्ट्रीय हित से ऊपर नहीं रख सकते।’’

संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में गत तीन बैठकों की तरह, शुक्रवार को भी निर्धारित कार्य नहीं हो सका और विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसद अदाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों, उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की विकास दर उन्हें गौरवान्वित करती है ‘‘क्योंकि कोई भी देश (इस मामले में) भारत के करीब नहीं आता’’।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि भारत पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है। यह एक उपलब्धि है। हम तीसरी सबसे बड़ी क्रय शक्ति हैं। लेकिन हमारा उद्देश्य एक विकसित राष्ट्र बनना है और एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए हमारे सामने चुनौतियां हैं और वे चुनौतियां हैं कि हमारे लोगों की आय में आठ गुना वृद्धि होनी चाहिए। यह आठ गुना वृद्धि तभी होगी जब सभी का इसमें व्यापक योगदान होगा।’’

धनखड़ ने कहा कि जब सरकार ने ‘लुक ईस्ट नीति’ तैयार की तो पूर्वोत्तर देश की कल्पनाओं के केंद्र में आया और नरेन्द्र मोदी प्रशासन ‘एक्ट ईस्ट नीति’ तैयार करके इसे अगले स्तर पर ले गया।

उन्होंने कहा, ‘‘अब 17 हवाई अड्डों, 20 जलमार्गों और गहन डिजिटल पहुंच के साथ... यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है। इस क्षेत्र की जैविक और प्राकृतिक खेती अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल पेश करती है।’’

राज्यपाल के.टी. परनाइक ने विशेष सत्र में हिस्सा लेने के लिए धनखड़ को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि धनखड़ लोकतंत्र के उच्चतम आदर्शों के प्रतीक हैं तथा संसदीय प्रणाली में निष्पक्षता और न्याय की मिसाल पेश करते हैं।

परनाइक ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश सुदूर क्षेत्रों में भी लोकतंत्र के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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