नई दिल्ली, 7 जून: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने यहां के अस्पतालों को शनिवार को चेतावनी दी कि कोविड-19 (Covid-19) मरीजों को भर्ती करने से मना करने और बिस्तरों की कालाबाजारी करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक समिति ने सुझाव दिया कि दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग सिर्फ इसके निवासियों के इलाज के लिये किया जाना चाहिए.
दिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,320 नये मामले सामने आने के साथ कुल मामले बढ़ कर 27,500 से अधिक हो गये, जबकि इस महामारी से अब तक कुल 761 लोगों की मौत हुई है. यहां 16,229 इलाजरत मामले हैं. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने को लेकर यहां स्थित सर गंगा राम अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
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केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली सरकार सभी अस्पतालों में एक चिकित्सक तैनात करेगी, जो आधिकारिक ऐप पर कोरोना वायरस मरीजों के लिए उपलब्ध बिस्तर की सूचना देंगे और ऐसे मरीजों की भर्ती सुनिश्चित कराने का काम करेंगे. मुख्यमंत्री ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि दिल्ली में कोविड-19 की जांच रोकी गयी है. उन्होंने जोर दिया कि देश में सबसे ज्यादा जांच दिल्ली में हो रही है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि जांच की क्षमता सीमित है और अगर हर कोई जांच के लिए जाएगा, तो दबाव बढ़ जाएगा. साथ ही, कहा कि कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखने वाले व्यक्तियों को जांच के लिए नहीं जाना चाहिए. केजरीवाल ने कहा कि फिलहाल दिल्ली सरकार की प्राथमिकता जान बचाने की है. इस बीच, आज जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों,हल्के या गंभीर लक्षणों वालों, को दिल्ली में कोई अस्पताल भर्ती करने से मना नहीं कर सकता है.
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन संक्रमण के 1,000 से अधिक नये मामले सामने आने और अस्पतालों में बिस्तर की कमी तथा अन्य सुविधाओं के अभाव के आरोपों का आप सरकार के सामना करने के मद्देनजर स्वास्थ्य सुविधाओं के उपयोग पर सुझाव पांच सदस्यीय एक समिति ने दिया है. सूत्रों ने बताया कि इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ महेश वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें उसने कहा है कि यदि दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाएं यहां से बाहर के बाशिंदों के लिये खोल दिये गये, तो सभी बिस्तर सिर्फ तीन दिन में भर जाएंगे. एक अधिकारी ने कहा कि सरकार इस हफ्ते की शुरूआत में गठित इस समिति की रिपोर्ट पर जल्द ही कोई फैसला लेगी.
अस्पतालों में बिस्तर की संख्या के बारे में केजरीवाल ने कहा कि कुछ अस्पताल अपने यहां बिस्तरों की उपलब्धता के बारे में झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा, "झूठी वजह को लेकर मना करने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कोरोना वायरस मरीजों को भर्ती करने के विषय से कोई समझौता नहीं किया जा सकता." उन्होंने कहा, "हम कल से इन सभी अस्पतालों के प्रमुखों के साथ कल से बैठक कर रहे हैं और उन्हें कहा जा रहा है कि उनके अस्पतालों में लोगों के इलाज से कोई समझौता नहीं होगा क्योंकि उन्हें जरूरतमंद लोगों को भर्ती करना होगा." केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार एक आदेश जारी करने जा रही है कि कोई भी अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने से इनकार नहीं करेगा और ऐसे मरीजों की जांच करने तथा उपचार करने की भी उनकी जिम्मेदारी होगी.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अधिकतर अस्पताल अच्छे हैं लेकिन कुछ बेड उपलब्ध कराने के लिए पैसे की मांग कर रहे हैं. यह और कुछ नहीं बल्कि कालाबाजारी है. उन्होंने कहा, "हम ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और वे मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते . इसमें संलिप्त माफिया को खत्म करने में कुछ समय लगेगा. ऐसे कुछ अस्पतालों की राजनीतिक पहुंच है लेकिन वे इस भुलावे में नहीं रहें कि उनके राजनीतिक आका उन्हें बचा लेंगे." उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल शहर की स्वास्थ्य सुविधाओं का अहम हिस्सा हैं और दिल्ली सरकार उनकी भूमिका को स्वीकार करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा, "ऐसे कुछ अस्पताल हैं जो इस तरह की हरकतें कर रहे हैं. पहले तो वे कहते हैं कि उनके पास बिस्तर नहीं है और जब मरीज बार-बार आग्रह करते हैं तो मोटी रकम मांगते हैं. क्या यह बिस्तरों की कालाबाजारी नहीं है?" उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए 20 प्रतिशत बेड आरक्षित करने में क्या दिक्कतें आ रही हैं, इसका पता लगाने के लिए वह अस्पतालों के मालिकों से बात कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता को लेकर जानकारी मुहैया कराने के लिए मंगलवार को एक ऐप की शुरुआत की.
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उन्होंने कहा, "अधिकतर निजी अस्पताल अच्छे हैं, लेकिन दो-तीन निजी अस्पताल कालाबाजारी कर रहे हैं . हमारा मानना है कि बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता पारदर्शी हो तो लोगों को सब कुछ पता चल जाएगा." उन्होंने कहा कि वर्तमान में 36 सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस के नमूने की जांच की जा रही है और अनियमितता मिलने पर छह प्रयोगशाला के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. उन्होंने कहा, "दिल्ली सरकार के अस्पतालों और कुछ निजी अस्पतालों में बुखार के क्लीनिक हैं, वहां पर कोविड केंद्र है, आप वहां पर जांच के लिए जा सकते हैं. आज ही 5300 जांच हुई."
उल्लेखनीय है कि किसी एक दिन में सर्वाधिक नये मामले तीन जून को सामने आये थे और यह संख्या 1,513 थी. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को जारी एक बुलेटिन में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़ 761 हो गई है. वहीं संक्रमण के मामले बढ़ कर 27,654 हो गये. इसमें कहा गया है कि इनमें से 20 मौतें तीन जून को और 19 मौतें चार जून को हुई. अधिकारियों ने बताया कि तीन दिन पहले यहां मरने वाले दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
वह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला था. पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) वेद प्रकाश सूर्या ने बताया कि वह नवंबर 2019 से मेडिकल अवकाश पर था और उसका फेफड़े के संक्रमण का इलाज चल रहा था. उसका 85 प्रतिशत फेफड़ा खराब हो चुका था. इससे पहले, दिल्ली पुलिस के तीन कर्मियों की इस महामारी से मौतें हुई थी.
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