मुंबई, 30 अप्रैल शेयर बाजारों में पिछले चार दिनों से जारी तेजी पर शुक्रवार को विराम लग गया और बीएसई सेंसेक्स 984 अंक की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। देश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ने और एशियाई बाजारों में गिरावट का असर घरेलू बाजार पर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक 983.58 अंक यानी 1.98 प्रतिशत का गोता लगाकर 48,782.36 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 263.80 अंक यानी 1.77 प्रतिशत टूटकर 14,631.10 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. को हुआ। इनमें 4 .38 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीसीएस और मारुति आदि शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी।
दूसरी तरफ, सेंसेक्स में शामिल केवल चार शेयर... ओएनजीसी, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज और बजाज ऑटो लाभ में रहे। इनमें 4.32 प्रतिशत तक की तेजी आयी।
हालांकि साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 903.91 अंक यानी 1.88 प्रतिशत मजबूत हुआ जबकि एनएसई निफ्टी 289.75 यानी 2.02 प्रतिशत ऊपर चढ़ा।
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजार में कमजोर रुख के बीच वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार टूटा। चीन में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि अप्रैल में उम्मीद से कम रहने के कारण वृद्धि को लेकर चिंता से एशियाई बाजारों में गिरावट आयी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रोजाना कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले और अधिक संख्या में लोगों की मौत केंद्र एवं राज्य सरकारों के लिये चिंता का कारण बना हुआ है। ऐसे में आगे राज्य सरकारों द्वारा और आर्थिक पाबंदियों से इनकार नहीं किया जा सकता। कोविड-19 संक्रमण के मामले जबतक कम नहीं होते हैं, बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।’’
स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,86,452 नए मामले आने से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,87,62,976 हो गयी है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 31 लाख को पार कर गयी है।
सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण से 3,498 और मरीजों की मौत हो गयी जिससे कोविड संक्रमण से अब तक 2,08,330 लोग दम तोड़ चुके हैं।
वैश्विक स्तर पर अमेरिका में टीकाकरण में तेजी के साथ आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही। हालांकि चीन में विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में वृद्धि कमजोर रही। इससे पता चलता है कि चीन के समक्ष पुनरूद्धार को लेकर चुनौती अभी बनी हुई है।
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सोल और तोक्यो में गिरावट रही।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में मामूली तेजी दिखी। हालांकि आंकड़े के अनुसार यूरो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है और क्षेत्र मंदी में चला गया है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 67.15 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 2 पैसे की मामूली गिरावट के साथ 74.09 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को 809.37 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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