लखनऊ, 10 जुलाई उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने अंतरराज्यीय स्तर पर अवैध असलहों की तस्करी करने वाले गिरोह द्वारा मैनपुरी जिले में चलाई जा रही अवैध असलहा फैक्टरी का पर्दाफाश करते हुए नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ मुख्यालय की ओर से रविवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।
बयान के मुताबिक, एसटीएफ ने फैक्टरी से भारी मात्रा में पूर्ण रूप से निर्मित और अर्द्धनिर्मित असलहा एवं उपकरण बरामद किए हैं।
इसमें बताया गया है कि एसटीएफ को अभिसूचना संकलन में अवैध असलहा बनाने की जानकारी मिली थी और इसी बीच एसटीएफ बिहार ने भी सूचना दी कि मुंगेर (बिहार) के कारीगरों द्वारा मैनपुरी में अवैध असलहा बनाने की फैक्टरी का संचालन किया जा रहा है।
बयान के अनुसार, सूचना के आधार पर एसटीएफ की गोरखपुर इकाई के निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह के नेतृत्व में शनिवार रात मैनपुरी पहुंची टीम ने आगरा इकाई के निरीक्षक हुकुम सिंह की अगुवाई में मैनपुरी के कोतवाली नगर इलाके में सिरसागंज चौराहे के पास छापा मारकर अवैध असलहा बनाने की फैक्टरी पकड़ी और नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
बयान के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों में मैनपुरी के भोगांव क्षेत्र का रहने वाला पंकज कुमार, मुंगेर निवासी सोनू कुमार शर्मा, मदन कुमार शर्मा और मोहित कुमार, मैनपुरी के औंछा क्षेत्र का मोहर सिंह, दन्नाहार क्षेत्र का शैलेंद्र सिंह, कोतवाली इलाके का ललित कुमार, शिवम कुमार और घिरोर इलाके का शैंकी उर्फ सुमित कुमार शामिल हैं।
बयान में बताया गया है कि एसटीएफ टीम ने इस दौरान एक अदद अवैध पिस्तौल, एक तमंचा, दो जिंदा कारतूस, 58 अदद पिस्तौल की बॉडी, 26 अदद पिस्तौल बैरल, 34 अदद पिस्तौल बट ग्रिप, 75 अदद पिस्तौल स्प्रिंग समेत बड़ी मात्रा में असलहा बनाने के उपकरण बरामद किए हैं।
बयान के अनुसार, एसटीएफ की पूछताछ में पकड़े गए आरोपी पंकज कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले तक वह जाली नोटों के कारोबार में सक्रिय था और इसी मामले में पश्चिम बंगाल की एक जेल में बंद था।
बयान के मुताबिक, पंकज ने बताया कि जेल में अवैध असलहा बनाने वाले मुंगेर के कुछ कारीगर भी बंद थे और उन्हीं लोगों ने सोनू शर्मा से मुलाकात कराई।
बयान के अनुसार, पंकज ने बताया कि जेल से छूटने के बाद उसने मैनपुरी में 75 हजार रुपये के किराये पर एक मकान लिया और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अवैध असलहा बनाने के कारोबार में जुट गया।
बयान के मुताबिक, पंकज ने बताया कि एक पिस्तौल करीब 25 हजार रुपये में बिक जाती थी, जिसमें से पांच हजार रुपये मदन शर्मा, सोनू शर्मा और मोहित कुमार को इसे बनाने, जबकि एक हजार रुपये शिवम कुमार, शैंकी व ललित को इसे बिकवाने के लिए दिए जाते थे।
बयान के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मैनपुरी कोतवाली में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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