लखनऊ/झांसी/सोनभद्र: उत्तर प्रदेश में झांसी सहित कुछ जिलों में बुधवार शाम पहुंचे टिड्डी दल में शामिल लाखों कीटों को रसायनों के गहन छिड़काव की मदद से नष्ट कर दिया गया. बचे हुए टिड्डी झुंड को भगाने की कोशिशें जारी है. इस बीच, लखनऊ में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु नियंत्रण कक्ष तथा गठित टीमें, टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आक्रमण एवं उनकी गतिविधियों का नियमित पर्यवेक्षण करें तथा सम्बन्धित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश दें.
झांसी मंङल के कृषि उपनिदेशक कमल कटियार ने बृहस्पतिवार को बताया कि बुधवार रात गरौठा और मौठ इलाके में पहुंचे टिड्डी दल पर जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा रात भर किए गए कीटनाशक के छिड़काव एवं अन्य उपायों के जरिए लाखों की संख्या में टिड्डे मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि बची हुई टिड्डियों का एक छोटा दल इस वक्त झांसी के निकट पारीछा की ओर घूम रहा है, जिसे भगाने के एवं मारने के प्रयास किए जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि बुधवार देर शाम मध्य प्रदेश के भांडेर, दतिया, इंदरगढ़ होते हुए लाखों की संख्या में टिड्डियों का एक दल झांसी के गरौठा एवं मौठ के विभिन्न गांवों में आ गया था. देर रात उसे भगाने का प्रयास किया गया. कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के सात केंद्रीय दल सहित विभिन्न टीमों ने देर रात से लेकर आज सुबह तक इन दलों पर कीटनाशकों का प्रहार कर उन्हें बड़ी संख्या में मार दिया है.
टिड्डियों का यह दल उठकर झांसी शहर की ओर बढ़ चला था जो पूर्वाह्न करीब नौ बजे से झांसी के निकट पारीछा बांध की आस-पास बना हुआ है.
इस दलों का रुख हवा के अनुसार तय हो सकेगा. फिलहाल झांसी जिला प्रशासन टिड्डियों के दल पर निगाह रख रहा है. सोनभद्र से प्राप्त समाचार के अनुसार घोरावल तहसील के बेमौरी गांव में पहुँच कर खेतों व पेडों पर बैठ टिड्डियों के दल पर कृषि विभाग की टीम द्वारा बुधवार रात में ढाई घंटे दवा का छिड़काव किया गया जिससे हजारों की संख्या में टिड्डियां मृत पायी गयीं.
जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया की बुधवार की शाम तीन बजे टिड्डी दल घोरावल तहसील के आसपास के गांवों में मंडराता रहा. शाम छह बजे के बाद टिड्डी दल बेमौरी गांव में पहुँच कर वहीं खेतो व पेड़ों पर बैठ गया, हालांकि यहाँ खेतों में फसल नहीं है, इसलिए कोइ नुकसान नहीं हुआ.
उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुँच गयी और रात 11 बजे से लेकर डेढ़ बजे तक क्लोरपायरीफास दवा छिड़काव का कार्य कराया गया.
राय ने बताया कि टिड्डी दल रात में एक ही स्थान पर बैठा रहता है और इस दौरान दवा का छिड़काव करने से टिड्डियां मर जाती है. गुरुवार की सुबह देखा गया की हजारों की संख्या में टिड्डियां खेतों मे मरी पड़ी हुई थी. लखनऊ में एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उप्र में राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं पंजाब/हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी दल के प्रकोप की आशंका को देखते हुए उनके नियंत्रण हेतु किये जा रहे उपायों की समीक्षा प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्यप्रताप शाही द्वारा विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में की गयी.
उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों पर इस हेतु नोडल अधिकारी, टॉस्क फोर्स एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश के क्रम में जनपदों में भी गठन की कार्रवाई की गई है. टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव तथा सावधानियों से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी विषयक एक फोल्डर तैयार कर प्रदेश के सभी जनपदों के विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है तथा इसे किसानों एवं जन सामान्य को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.
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