नयी दिल्ली, 18 अगस्त किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट और स्विस फर्म क्रेडिट सुइस एजी ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उन्होंने अपने वित्तीय विवाद को सुलझा लिया है।
इसके बाद शीर्ष अदालत ने स्पाइसजेट को मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दी। मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में क्रेडिट सुइस एजी को कथित रूप से बकाया भुगतान न करने के कारण एयरलाइन को बंद करने का आदेश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने आदेश में कहा, ''एक समझौता है, जो 23 मई 2022 को सहमति की शर्तों के अनुसार हुआ है। इसे देखते हुए कि दोनों पक्ष समझौते से संतुष्ट हैं और याचिकाकर्ता द्वारा दायर एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) को वापस लेना चाहते हैं। तदनुसार, आवेदन की अनुमति दी जाती है।''
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने आदेश में कहा, ''23 मई 2022 को सहमति की शर्तों के अनुसार एक समझौता हुआ है। इसे देखते हुए कि दोनों पक्ष समझौते से संतुष्ट हैं और याचिकाकर्ता द्वारा दायर एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) को वापस लेना चाहते हैं... तदनुसार, आवेदन की अनुमति दी जाती है।''
न्यायालय ने कहा कि संबंधित पक्षों को सहमति की शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया जाता है।
न्यायालय ने कहा, ''गौरतलब है कि मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के तहत कुछ राशि मद्रास उच्च न्यायालय में जमा की गई थी। संबंधित पक्ष उस धन को जारी करने के लिए आवेदन करने को स्वतंत्र हैं।''
एयरलाइन ने शुरू में पीठ को स्विस फर्म के साथ विवाद के निपटारे के बारे में बताया और कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मद्रास उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार को बैंक गारंटी दी गई थी। अब निपटान की शर्तों के मुताबिक बैंक गारंटी जारी कर बैंक को लौटानी होगी।
शीर्ष अदालत ने इस बात को संज्ञान में लिया और कहा कि संबंधित पक्ष बैंक गारंटी जारी करने के लिए उच्च न्यायालय जाने को स्वतंत्र हैं।
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