विदेश की खबरें | दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल को पद से हटाया गया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

न्यायालय के इस फैसले के बाद यून ने जनता की उम्मीदों पर खरा न उतर पाने के लिए उनसे माफी मांगी है।

यून पर यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि चार माह पहले उन्होंने देश में ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा करके और संसद में सेना भेजकर देश की राजनीति में तूफान ला दिया था।

दक्षिण कोरिया को अब नया राष्ट्रपति चुनने के लिए दो माह के भीतर चुनाव कराना होगा।

सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मुख्य विपक्षी ‘डेमोक्रेटिक पार्टी’ के नेता ली जे-म्यांग अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं। न्यायालय का फैसला आने के बाद पुराने शाही महल के पास यून के विरोध में रैली कर रहे लोग खुशी से नाचने लगे।

यून द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा किए जाने और उसके बाद उन पर महाभियोग शुरू किए जाने के कारण देश की राजनीति में उथल-पुथल पैदा हो गई थी। लोग राष्ट्रपति के फैसले से सकते में थे और इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे।

न्यायालय के कार्यवाहक प्रमुख मून ह्युंग-बे ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आठ सदस्यीय पीठ ने यून के खिलाफ महाभियोग को बरकरार रखा है क्योंकि ‘मार्शल लॉ’ संबंधी उनके आदेश ने संविधान और अन्य कानूनों का गंभीर उल्लंघन किया है। न्यायालय की यह कार्यवाही टेलीविजन पर प्रसारित की गई।

न्यायमूर्ति मून ने कहा, ‘‘प्रतिवादी ने न केवल ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा की बल्कि विधायी अधिकार के इस्तेमाल में बाधा डालने के लिए सैन्य एवं पुलिस बलों को जुटाकर संविधान और कानूनों का भी उल्लंघन किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक व्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव और प्रतिवादी द्वारा किए उल्लंघनों के कारण पड़ने वाले बड़े प्रभावों को देखते हुए हमें लगता है कि प्रतिवादी को पद से हटाकर संविधान को बनाए रखने के लाभ राष्ट्रपति को हटाने से होने वाले राष्ट्रीय नुकसान से कहीं अधिक हैं।’’

इसके बाद, यून ने एक बयान में कहा कि उन्हें जनता की उम्मीदों पर खरा न उतर पाने का बहुत अफसोस है। उन्होंने कहा कि वह देश और उसके लोगों के लिए प्रार्थना करेंगे। यून ने कहा, ‘‘कोरिया गणराज्य के लिए काम करने पाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात रही है।’’

एपी

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