दक्षिण अफ्रीका ने टीका निर्माण को लेकर डब्ल्यूटीए में हुए समझौते का स्वागत किया
दक्षिण अफ्रीकी सरकार, स्थानीय टीका निर्माताओं और संगठित श्रमिक क्षेत्र ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में हुए उस समझौते का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि विकासशील देश पेटेंट धारकों की अनुमति के बिना अपने आप टीकों का निर्माण शुरू कर सकते हैं।
जोहानिसबर्ग, 18 जून : दक्षिण अफ्रीकी सरकार, स्थानीय टीका निर्माताओं और संगठित श्रमिक क्षेत्र ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में हुए उस समझौते का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि विकासशील देश पेटेंट धारकों की अनुमति के बिना अपने आप टीकों का निर्माण शुरू कर सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका और भारत ने कई अन्य विकासशील देशों के समर्थन से इस संबंध में डब्ल्यूटीओ में एक प्रस्ताव पेश किया था.
अक्टूबर 2020 में पेश इस प्रस्ताव पर जिनेवा में आयोजित डब्ल्यूटीओ के 12वें मंत्रालयी सम्मेलन में चर्चा की गई. प्रस्ताव में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विश्व व्यापार संगठन के तहत आने वाले व्यापार-संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार समझौते (ट्रिप्स) के कुछ प्रावधानों में कुछ समय के लिए विशेष छूट देने का अनुरोध किया गया था, ताकि विकासशील देशों में टीका निर्माता पेटेंट धारकों की अनुमति के बिना टीकों का निर्माण कर सकें. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी हमले में चार मजदूरों की मौत
प्रस्ताव पेश करने वाले देशों के अथक प्रयासों के एक सप्ताह बाद यह समझौता हुआ है. हालांकि, कुछ विकसित देशों और दवा कंपनियों ने शुरुआत में समझौते की का विरोध किया था. समझौते पर अंतिम फैसला लेने के लिए वार्ता की खातिर एक और दिन का समय दिया गया था और शुक्रवार को इस पर मुहर लगा दी गई.