जयपुर, 23 जून उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कानून का पालन नहीं करते पाए जाने पर ‘‘कुछ लोगों’’ द्वारा सड़कों पर उतरने और हिंसा एवं आगजनी करने की शुक्रवार को निंदा की।
धनखड़ ने यहां मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित एक समारोह में यह टिप्पणी करते हुए हाल में हुई किसी विशेष घटना या किसी विशेष राज्य का जिक्र नहीं किया।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग नोटिस मिलने पर सड़कों पर उतर आते हैं और इकट्ठा होकर हंगामा करते हैं।
धनखड़ ने कहा,‘‘अगर कोई कानून से ऊपर है, अगर किसी को कानून से छूट प्राप्त है, चाहे वह कोई भी हो, तो हम विधि शासित समाज होने का दावा नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब कानून से ऊपर कोई भी नहीं है और कानून किसी को नहीं बख्शेगा, यह सभी जानते हैं।’’
धनखड़ ने साथ ही भरोसा जताया कि भारत इस दशक के आखिर तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2047 तक पहले नंबर की अर्थव्यवस्था होगा।
उन्होंने कहा कि भारत की विकास गति अजेय है और पूरी दुनिया अब भारत की ओर देख रही है, लेकिन ‘‘कुछ लोगों को देश की उपलब्धियों पर दुख’’ होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक पहले हम विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में 10वें नंबर पर थे। हम सितंबर 2022 में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गए। यह बड़ी उपलब्धि है।’’
धनखड़ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 10वें से पांचवें नंबर पर आना आसान नहीं था।
उन्होंने कहा कि भारत सभी मानकों पर विकास कर रहा है और इस दशक के अंत तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
धनखड़ ने कहा, ‘‘भारत 2047 में जब आजादी की शताब्दी मनाएगा, तब हम शीर्ष पर होंगे। दुनिया यह जानती है। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।’’
उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद छात्रों से कहा, ‘‘आप (युवा छात्रों) का भविष्य उज्ज्वल है। आप भाग्यशाली हैं कि आप ऐसे समय के साक्षी हैं जब भारत इतना आगे बढ़ रहा है जितना पहले कभी नहीं था। यह वृद्धि अजेय है। आपके योगदान से इस विकास को और गति मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि 2022 में भारत में डिजिटल अंतरण (ट्रांसफर) 1.3 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा जो अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के कुल डिजिटल लेन-देन से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत में 70 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं और 2022 तक भारत में प्रति व्यक्ति डेटा खपत अमेरिका और चीन से अधिक होगी।
धनखड़ ने कहा, ‘‘कल्पना कीजिए कि भारत कहां पहुंच गया है’’, लेकिन कुछ लोगों को देश की उपलब्धि पर ‘‘दुख’’ होता है।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग अतार्किक बातें करते हैं कि भारत कोई ‘‘जीवंत’’ लोकतंत्र नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां राज्य विधानसभाओं और संसद के अलावा गांव, पंचायत और जिला परिषदों में भी संवैधानिक लोकतंत्र है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने संस्थानों की निंदा करने, उन्हें नीचा दिखाने और हमारे विकास का उपहास करने वाली इन बातों को स्वीकार नहीं कर सकते।’’
उपराष्ट्रपति ने युवाओं से ऐसी ताकतों को बेअसर करने का आह्वान किया। धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘अमेरिका में भारतीय प्रधानमंत्री की मौजूदगी बहुत प्रभावशाली है। अब हम वैश्विक नेतृत्व के समकक्ष हैं।’’
उपराष्ट्रपति धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री का पौधा लगाया। उन्होंने परिसर में पं. मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित की।
इससे पहले राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र, शिक्षा मंत्री डॉ. बुलाकी दास कल्ला ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ और उनकी पत्नी का जयपुर में स्वागत किया।
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