नयी दिल्ली, 26 जुलाई राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को अफसोस जताया कि प्रश्नकाल के दौरान मौजूद रहने के बाद भी कुछ सदस्यों ने अपने पूरक सवाल नहीं पूछे।
धनखड़ ने प्रश्नकाल के दौरान उच्च सदन में कहा कि उन्होंने पूरक सवाल पूछने के लिए कुछ सदस्यों के नाम लिए लेकिन उन सदस्यों ने सदन में मौजूद होने के बाद भी अपने पूरक सवाल नहीं किए।
सभापति ने इस आचरण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे सदस्यों ने अपने सवाल पर ध्यान नहीं दिया और वे नियमों का उल्लंघन करते रहे। उन्होंने कहा कि सदस्यों से ऐसे आचरण की उम्मीद नहीं की जा सकती और उन सदस्यों का आचरण उम्मीद के अनुरूप नहीं था।
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक सदस्यों को मौका मिले।
सूचीबद्ध तारांकित सवालों पर सदस्यों द्वारा पूरक सवाल नहीं किए जाने पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आसन द्वारा नाम पुकारे जाने और सदन में मौजूद रहने के बाद भी यदि सदस्य सवाल नहीं पूछ रहे हैं तो आसन को कोई निर्णय लेना चाहिए।
गोयल ने सुझाव दिया कि ऐसे सदस्यों के सवाल स्वीकार नहीं किए जाने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग को सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच गतिरोध कायम है। विपक्षी सदस्य निर्धारित कामकाज स्थगित कर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर अड़े हुए हैं। इसी क्रम में कुछ सदस्यों ने बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान अपने पूरक सवाल पूछने के बदले मणिपुर का मुद्दा उठाने का प्रयास किया।
विपक्ष के कई सदस्यों द्वारा पूरक सवाल नहीं पूछे जाने के कारण प्रश्नकाल के लिए सूचीबद्ध मौखिक सवाल निर्धारित एक घंटे की जगह करीब आधा घंटे में ही पूरे हो गये।
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