पेरिस, 31 जुलाई भारतीय बैडमिंटन के स्टार लक्ष्य सेन और पी वी सिंधू ने पेरिस ओलंपिक में अपने अपने मुकाबले शानदार ढंग से जीतकर एकल प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया ।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने एस्तोनिया की क्रिस्टीन कूबा को सीधे गेमों में 21 . 5, 21 . 10 से हराया । रियो ओलंपिक में रजत और तोक्यो में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू ने यह एकतरफा मुकाबला 33 मिनट में जीता । वहीं लक्ष्य ने दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेमों में मात दी ।
लक्ष्य ने जीत के बाद कहा ,‘‘ यह काफी कठिन मैच था और मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ स्वर्ण पदक पर नजरें हैं । पिछले कुछ महीने से प्रदर्शन अच्छा रहा है । उतार चढाव आये हैं लेकिन कुल मिलाकर प्रदर्शन अच्छा ही रहा है ।’’
लक्ष्य का सामना प्री क्वार्टर फाइनल में हमवतन एच एस प्रणय से हो सकता है जो आखिरी ग्रुप मैच में वियतनाम के ली डुक फाट से खेलेंगे । वहीं सिंधू दुनिया की नौवे नंबर की खिलाड़ी चीन की ही बिंगजियाओ से खेल सकती है जिसके खिलाफ वह 11 बार हारी और नौ बार जीती हैं ।
सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक में उसे ही हराकर कांस्य पदक जीता था ।
विश्व चैम्पियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता अलमोड़ा के तेईस वर्ष के लक्ष्य ने मौजूदा आल इंग्लैंड और एशियाई खेल चैम्पियन के खिलाफ यह मुकाबला 50 मिनट में 21 . 18, 21 . 12 से जीता ।
लक्ष्य ने इससे पहले क्रिस्टी को सिर्फ एक बार चार साल पहले बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप में हराया था । दोनों के बीच ओलंपिक मुकाबले से पहले हुए पांच में से चार मुकाबले क्रिस्टी ने जीते थे ।
लक्ष्य ने बुधवार को इस मुकाबले में काफी परिपक्वता दिखाते हुए जबर्दस्त आक्रामक प्रदर्शन किया । पहले गेम में क्रिस्टी ने 5 . 0 की बढत बना ली थी जो 8 . 2 की हो गई । लक्ष्य ने शानदार वापसी करते हुए अपने विरोधी को गलतियां करने पर मजबूर किया और अंतर 7 . 8 कर दिया ।
एक समय स्कोर 16 . 16 से बराबरी पर था जिसके बाद क्रिस्टी ने दो अंक हासिल किया लेकिन लक्ष्य ने वापसी करते हुए फिर बराबरी की । पीछे से शानदार रिटर्न पर लक्ष्य ने बढत बनाई और फिर गेम प्वाइंट भुलाकर पहला गेम जीत लिया ।
दूसरे गेम में लक्ष्य ने जजमेंट की कुछ गलतियां की लेकिन दबाव नहीं बनने दिया । अपने शानदार पुश और स्मैश से उन्होंने क्रिस्टी को लगातार गलतियां करने पर विवश किया । क्रिस्टी ब्रेक तक पूरी तरह दबाव में आ चुके थे और फिर वापसी नहीं कर पाये ।
इससे पहले सिंधू ने जीत के बाद कहा ,‘‘ मैं बहुत खुश हूं । ग्रुप में शीर्ष पर रहना जरूरी था । अब सामना ही बिंगजियाओ से होगा । इस जीत से मेरा आत्मविश्वास बढेगा । अगले मुकाबले आसान नहीं होंगे लिहाजा मुझे शत प्रतिशत तैयार रहना होगा ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं मैच दर मैच रणनीति बना रही हूं । पदक जीतना है और मुझे खुशी होती है जब लोग कहते हैं कि आपसे हैट्रिक चाहिये । आपसे पदक चाहिये । लेकिन इसके साथ काफी जिम्मेदारी और दबाव भी आता है जिसे हावी नहीं होने देना है ।’’
पहले मैच की ही तरह सिंधू को इस मुकाबले में ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा । विश्व रैंकिंग में 73वें स्थान पर काबिज एस्तोनिया की खिलाड़ी 13वीं रैंकिंग वाली भारतीय का सामना नहीं कर सकी । सिंधू ने पहला गेम 14 मिनट में जीता ।
दूसरे गेम में कूबा ने चुनौती पेश की लेकिन सिंधू ने हर वार का माकूल जवाब दिया ।
कूबा ने 2 . 0 की बढत बनाई लेकिन सिंधू ने जल्दी ही बराबरी कर ली । इसके बाद लंबी रेलियां चली और एक समय सिंधू को पूरा नेट कवर करके दौड़ना पड़ा और कूबा ने शटल उनकी पहुंच से बाहर फेंकी ।
इसके बाद सिंधू ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करके क्रॉसकोर्ट स्मैश से 15 . 6 से बढत बना ली और इसके बाद कूबा को वापसी का कोई मौका नहीं दिया ।
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