नयी दिल्ली, 19 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने सभी समाचार चैनलों को श्रद्धा वालकर हत्या मामले के आरोपपत्र की सामग्री प्रदर्शित या प्रसारित करने से बुधवार को रोक दिया।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर याचिका के निस्तारण तक कोई समाचार चैनल श्रद्धा वालकर हत्या मामले का आरोपपत्र न दिखाए।
यह आदेश दिल्ली पुलिस की एक याचिका पर पारित किया गया, जिसमें आरोपपत्र और मामले में जांच के दौरान एकत्र की गई अन्य सामग्री से जुड़ी गोपनीय जानकारी को मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित करने, छापने और प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध किया गया था।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अदालत को बताया कि समाचार चैनल ‘आज तक’ को मामले में आरोपी आफताब पूनावाला के नार्को टेस्ट का वीडियो मिल गया है और निचली अदालत द्वारा चैनल को ऐसी कोई सामग्री दिखाने से रोक दिया गया था।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अन्य सभी चैनलों को भी मामले से जुड़ी गोपनीय जानकारी प्रकाशित या प्रसारित किए जाने से रोकने का आदेश पारित किए जाने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है कि वीडियो दूसरों के साथ साझा किया गया हो और अगर इसे प्रसारित किया जाता है, तो इससे मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त के लिए सूचीबद्ध की।
गौरतलब है कि दिल्ली के महरौली इलाके में पूनावाला ने पिछले साल 18 मई को अपनी ‘‘लिव इन पार्टनर’’ श्रद्धा वालकर की कथित रूप से हत्या कर दी थी। उसने वालकर के शव के लगभग 35 टुकड़े कर उन्हें लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर की क्षमता वाले फ्रिज में रखा और फिर उन्हें दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में फेंक दिया था।
इस मामले में पुलिस ने 24 जनवरी को 6,629 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था।
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