Ashok Gehlot On Kanhaiya Lal Murder Case: CM अशोक गहलोत का दावा, कहा- कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी को एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने का शाह का दावा ‘झूठा’
Ashok Gehlot (Photo: Twitter)

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृह मंत्री अमित शाह पर यह झूठ बोलने का आरोप लगाया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि अपराधियों को राजस्थान पुलिस ने घटना के चार घंटे के भीतर ही पकड़ लिया था. कांग्रेस ने भी कहा कि गृहमंत्री अमित शाह आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर भी सरेआम राजनीति करने और झूठ बोलने से नहीं चूके तथा यह भाजपा नेताओं की मानसिकता दिखाता है.

उदयपुर में एक रैली में संबोधन के दौरान शाह के दावों के तुरंद बाद मुख्यमंत्री ने उन पर पलटवार करते हुए यह भी कहा कि अमित शाह को शायद पता होगा कि दोनों आरोपी ‘‘सक्रिय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता’’ थे और उन्होंने इस बात की जांच की मांग की कि इन दोनों की मदद करने वाले भाजपा नेता कौन थे. Delhi Ordinance: केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ SC पहुंची AAP, 70 विधानसभाओं में जलाएंगे कॉपी

उल्लेखनीय है कि उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की पिछले साल 28 जून को दो लोगों ने धारदार हथियार से वार कर कथित तौर पर हत्या कर दी थी. आरोपियों ने कन्हैयालाल पर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सामग्री पोस्ट करने और इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया था.

अमित शाह ने शुक्रवार को उदयपुर में अपनी रैली में सालों पुराने मामले को याद किया. उन्होंने कहा कि गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार (आरोपियों को) पकड़ना ही नहीं चाहती थी और एनआईए ने उन्हें पकड़ लिया. इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा कि शाह ने गलत बयान दिया और ‘झूठ’ बोला.

उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन आज उदयपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘अमित शाह ने उदयपुर में झूठ बोला कि कन्हैयालाल के हत्यारों - रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद - को एनआईए ने पकड़ा, जबकि सत्य यह है कि इन्हें घटना के महज चार घंटों के भीतर राजस्थान पुलिस ने पकड़ लिया था.’’

उन्होंने कहा ‘‘यह दुखद घटना 28 जून 2022 को हुई थी, जबकि एनआईए को इस मामले की फाइल दो जुलाई, 2022 को हस्तांतरित की गयी. शाह को संभवत: जानकारी में होगा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे. उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे, जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक स्पष्ट मामले में आरोप पत्र दायर होने में भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई.’’ कांग्रेस पार्टी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट पर कहा, ‘‘गृहमंत्री अमित शाह आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर भी सरेआम राजनीति करने और झूठ बोलने से नहीं चूके. यह भाजपा नेताओं की मानसिकता दिखाता है, जिन्होंने अपने सियासी फायदों को हमेशा ही देशहित से ऊपर रखा है.’’ पार्टी ने कहा अमित शाह अपनी जिम्मेदारी निभाने में तो पूरी तरह नाकाम रहे हैं, कम से कम पद की गरिमा का ख्याल रख लें.’’

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