Sensex Update: सेंसेक्स में 38 अंक की मामूली बढ़त, लगातार पांचवें दिन लाभ के साथ बंद
घरेलू शेयर बाजार में तेजी बृहस्पतिवार को भी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 37.87 अंक के लाभ में रहा. दुनिया के ज्यादातर बाजारों में नकारात्मक रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले कोटक बैंक, एल एंड टी और भारती एयरटेल के शेयरों में लिवाली से बाजार को समर्थन मिला.
मुंबई, 18 अगस्त : घरेलू शेयर बाजार में तेजी बृहस्पतिवार को भी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 37.87 अंक के लाभ में रहा. दुनिया के ज्यादातर बाजारों में नकारात्मक रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले कोटक बैंक, एल एंड टी और भारती एयरटेल के शेयरों में लिवाली से बाजार को समर्थन मिला. उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरूआती कारोबार में कमजोर खुला लेकिन अंत में 37.87 अंक यानी 0.06 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,298 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान ऊंचे में यह 60,341.41 अंक तक गया और नीचे में 59,946.44 अंक तक आया. सेंसेक्स में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में तेजी रही.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 12.25 अंक यानी 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,956.50 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में से कोटक महिंद्रा बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और आईटीसी प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, विप्रो, इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक और नेस्ले शामिल हैं. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यह भी पढ़ें : सात शहरों में कार्यालय स्थल की मांग जुलाई में दोगुना होकर 88 लाख वर्ग फुट पर : रिपोर्ट
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा. अमेरिका में वॉल स्ट्रीट बुधवार को नुकसान में रहा.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक घरेलू पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने बुधवार को 2,347.22 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख वी के विजय कुमार ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) की बैठक के ब्योरे से पता चलता है कि वह नीतिगत मोर्चे पर आक्रमक रुख बरकरार रखेगा और इससे अमेरिकी बाजार पर कुछ असर पड़ सकता है. लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लिवाली को देखते हुए इसका भारत में तेजी के रुख पर असर पड़ने की आशंका नहीं है....’’