मुंबई, 20 अप्रैल वैóश्विक स्तर पर नरम रुख के बीच उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 59 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। कोरोना वायरस महामारी को लेकर बढ़ती चिंता से निवेशक बाजार से दूर नजर आ रहे हैं।
तीस शेयरों वाले सेंसेक्स में कारोबार के दौरान 566 अंक से अधिक का उतार-चढ़ाव आया। पर अंत में यह 59.28 अंक यानी 0.19 प्रतिश्त की बढ़त के साथ 31,648 अंक पर बंद हुआ।
वहीं दूसरी तरफ एनएसई निफ्टी 4.90 अंक यानी 0.05 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 9,261.85 अंक पर बंद हुआ।
मुख्य रूप से सूचकांक में वजन रखने वाले दोनों एचडीएफसी (एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक) और रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेजी से सेंसेक्स में बढ़त रही। आईटी कंपनियों के शेयर भी लाभ में रहे।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में एचडीएफसी बैंक रहा जिसका शेयर करीब 4 प्रतिशत मजबूत हुआ। बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 15.4 प्रतिशत बढ़कर 7,280.22 करोड़ रुपये रहा। इसका असर बैंक के शेयर पर दिख रहा है।
इन्फोसिस का शेयर तिमाही नतीजे आने से पहले 3 प्रतिशत से अधिक उछला। कंपनी का परिणाम सोमवार की शाम जारी होने वाला है।
इसके अलावा सन फार्मा, एनटीपीसी, एचसीएल, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी, आरआईएल और टीसीएस भी लाभ में रहे।
वहीं दूसरी तरफ एक्सिस बैंक में सर्वाधिक गिरावट आयी। उसके बाद आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक और मारुति सुजुकी का स्थान रहा।
आनंद राठी के इक्विटी शोध मामलों के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि घरेलू बाजार बढ़त के साथ खुला लेकिन वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच कारोबारियों की मुनाफावसूली से इसमें गिरावट आयी। वैóश्विक मंदी की आशंका में शेयर और जिंस खासकर कच्चा तेल दबाव में रहे।
दोपहर के कारोबार में बाजार सीमित दायरे में रहा और इसमें घट-बढ़ होती रही।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, तोक्यो और सोल नुकसान में रहे जबकि शंघाई बढ़त के साथ बंद हुआ।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में मिला-जुला रुख देखने को मिला।
इस बीच, वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का भाव 3.53 प्रतिशत टूटकर 27.09 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 17,265 पर पहुंच गयी जिसमें 543 लोगों की मौत हुई है।
वैóश्विक स्तर पर संक्रमित लोगों का आंकड़ा 24 लाख को पार कर गया है जबकि दुनियाभर में इससे 1.65 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
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