पाकिस्तान: जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद पाक मानवाधिकार अधिवक्ता फिर गिरफ्तार

पाकिस्तान पुलिस ने मानवाधिकार अधिवक्ता इमान मजारी को सोमवार को राजद्रोह के मामले में इस्लामाबाद की आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा जमानत दिये जाने के कुछ घंटे बाद रावलपिंडी में अदियाला जेल के बाहर से फिर से गिरफ्तार कर लिया.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
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पाकिस्तान: जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद पाक मानवाधिकार अधिवक्ता फिर गिरफ्तार

पाकिस्तान पुलिस ने मानवाधिकार अधिवक्ता इमान मजारी को सोमवार को राजद्रोह के मामले में इस्लामाबाद की आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा जमानत दिये जाने के कुछ घंटे बाद रावलपिंडी में अदियाला जेल के बाहर से फिर से गिरफ्तार कर लिया.

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पाकिस्तान: जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद पाक मानवाधिकार अधिवक्ता फिर गिरफ्तार

इस्लामाबाद, 28 अगस्त: पाकिस्तान पुलिस ने मानवाधिकार अधिवक्ता इमान मजारी को सोमवार को राजद्रोह के मामले में इस्लामाबाद की आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा जमानत दिये जाने के कुछ घंटे बाद रावलपिंडी में अदियाला जेल के बाहर से फिर से गिरफ्तार कर लिया. इस्लामाबाद पुलिस ने गिरफ्तारी की सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पुष्टि करते हुए कहा कि इमान को बारा काहू पुलिस थाने में दर्ज आतंकवाद के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय की गई जब कुछ ही घंटे पहले यहां आतंकवाद-रोधी अदालत ने इमान मजारी और पूर्व जनप्रतिनिधि अली वजीर को देशद्रोह के मामले में 30-30 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी.

पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी की बेटी इमान और वजीर को इस्लामाबाद पुलिस ने पश्तूनों के अधिकारों की वकालत करने वाले पश्तून तहफ्फुज आंदोलन (पीटीएम) द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के दो दिन बाद 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था. इमान ने इस्लामाबाद में पीटीएम की एक रैली को संबोधित किया था, जो जातीय पुश्तू-भाषी कार्यकर्ताओं का एक समूह है. यह समूह पाकिस्तानी सेना की काफी आलोचना करता है. इमान और वज़ीर के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, दोनों को धरना देने, प्रतिरोध करने और सरकारी मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. प्राधिकारियों को जांच के सिलसिले में इन दोनों की जरूरत थी. आरोप है कि दोनों गैर-कानूनी सभा, प्रतिरोध और ‘राज्य मामलों में हस्तक्षेप’ में शामिल थे.

इक्कीस अगस्त को एटीसी ने इमान और वजीर को राजद्रोह मामले में तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. चौबीस अगस्त को, अदालत ने मामले में इमान और वज़ीर की हिरासत बढ़ाने के अभियोजन पक्ष के अनुरोध को खारिज कर दिया और दोनों को न्यायिक हिरासत में रावलपिंडी की अदियाला जेल भेज दिया था. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान, एटीसी न्यायाधीश अबुल हसनत ज़ुल्कारनैन ने इमान और वज़ीर को 30-30 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी.पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इमान की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की. इसने इस्लामाबाद पुलिस के कृत्य को "अस्वीकार्य" करार दिया.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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इस्लामाबाद, 28 अगस्त: पाकिस्तान पुलिस ने मानवाधिकार अधिवक्ता इमान मजारी को सोमवार को राजद्रोह के मामले में इस्लामाबाद की आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा जमानत दिये जाने के कुछ घंटे बाद रावलपिंडी में अदियाला जेल के बाहर से फिर से गिरफ्तार कर लिया. इस्लामाबाद पुलिस ने गिरफ्तारी की सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पुष्टि करते हुए कहा कि इमान को बारा काहू पुलिस थाने में दर्ज आतंकवाद के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय की गई जब कुछ ही घंटे पहले यहां आतंकवाद-रोधी अदालत ने इमान मजारी और पूर्व जनप्रतिनिधि अली वजीर को देशद्रोह के मामले में 30-30 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी.

पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी की बेटी इमान और वजीर को इस्लामाबाद पुलिस ने पश्तूनों के अधिकारों की वकालत करने वाले पश्तून तहफ्फुज आंदोलन (पीटीएम) द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के दो दिन बाद 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था. इमान ने इस्लामाबाद में पीटीएम की एक रैली को संबोधित किया था, जो जातीय पुश्तू-भाषी कार्यकर्ताओं का एक समूह है. यह समूह पाकिस्तानी सेना की काफी आलोचना करता है. इमान और वज़ीर के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, दोनों को धरना देने, प्रतिरोध करने और सरकारी मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. प्राधिकारियों को जांच के सिलसिले में इन दोनों की जरूरत थी. आरोप है कि दोनों गैर-कानूनी सभा, प्रतिरोध और ‘राज्य मामलों में हस्तक्षेप’ में शामिल थे.

इक्कीस अगस्त को एटीसी ने इमान और वजीर को राजद्रोह मामले में तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. चौबीस अगस्त को, अदालत ने मामले में इमान और वज़ीर की हिरासत बढ़ाने के अभियोजन पक्ष के अनुरोध को खारिज कर दिया और दोनों को न्यायिक हिरासत में रावलपिंडी की अदियाला जेल भेज दिया था. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान, एटीसी न्यायाधीश अबुल हसनत ज़ुल्कारनैन ने इमान और वज़ीर को 30-30 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी.पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इमान की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की. इसने इस्लामाबाद पुलिस के कृत्य को "अस्वीकार्य" करार दिया.

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