UN सुरक्षा परिषद ने अमेरिका की मांग के अनुरूप लेबनान में शांतिरक्षकों की संख्या घटाने की दी मंजूरी
सुरक्षा परिषद ने अमेरिका की मांग के अनुरूप लेबनान में शांतिरक्षकों की संख्या घटाने की मंजूरी दी. फ्रांस द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के मसौदे में 'लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के अंतरिम बल' के जवानों की संख्या को 15,000 से घटाकर 13,000 करने का प्रस्ताव है. यह अमेरिका के दबाव में किया गया है.
अमेरिका, 29 अगस्त: सुरक्षा परिषद ने अमेरिका की मांग के अनुरूप लेबनान में शांतिरक्षकों की संख्या घटाने की मंजूरी दी. फ्रांस द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के मसौदे में 'लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के अंतरिम बल' (यूएनआईएफआईएल) के जवानों की संख्या को 15,000 से घटाकर 13,000 करने का प्रस्ताव है. यह अमेरिका के दबाव में किया गया है. इसमें ट्रंप प्रशासन और उसके निकट सहयोगी इजराइल को अन्य रियायतें भी दी गई हैं. यह प्रारूप लेबनान सरकार से मांग करता है कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों ने जांच के लिए जिन स्थलों तक पहुंच का अनुरोध किया है, उन्हें शीघ्र और पूरी तरह प्रदान किया जाए. इनमें लेबनान और इजरायल के बीच संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्मित ब्लू लाइन को पार करने वाली सुरंगें शामिल हैं.
इसके अलावा यह ब्लू लाइन के सभी हिस्सों में शांति रक्षकों के स्वतंत्र और निर्बाध आवागमन की मांग करता है साथ ही संयुक्त राष्ट्र सैनिकों के अवागमन को बाधित करने के सभी प्रयासों तथा मिशन के लोगों पर हमले की कड़े शब्दों मे निंदा करता है. गौरतलब है कि इज़राइल लगातार हिजबुल्ला पर यूएनआईएफआईएल शांतिरक्षकों के काम में बाधा डालने का आरोप लगाता रहा है. ट्रंप प्रशासन ने इज़राइल की इस बात का पुरजोर समर्थन किया है.
इस बीच अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने एक बयान में कहा, "आज हम यूएनआईएफआईएल पर काउंसिल के निर्भर रहने और ईरान तथा उसके सहयोगी आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला के बढ़ते तथा अस्थिर प्रभाव के लंबे इतिहास पर रोक लगाते हैं." उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन हिजबुल्ला के खतरे को कम करने में यूएनआईएफआईएल की संपूर्ण नाकामी पर पिछले कुछ वर्षों से चिंतित है.
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