Mumbai: आदेश का पालन नहीं करने पर सेबी को बंबई उच्च न्यायालय ने फटकार लगाई

बंबई उच्च न्यायालय ने बाजार नियामक सेबी को अपने एक आदेश का पालन नहीं करने पर शुक्रवार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस सार्वजनिक संस्था को सार्वजनिक हित में काम करने की जरूरत है।

Bombay High Court (Photo Credit: Wikimedia Commons )

मुंबई, 1 दिसंबर: बंबई उच्च न्यायालय ने बाजार नियामक सेबी को अपने एक आदेश का पालन नहीं करने पर शुक्रवार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस सार्वजनिक संस्था को सार्वजनिक हित में काम करने की जरूरत है. न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति जीतेंद्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का इस तरह का रवैया इस संस्था के प्रति निवेशकों के भरोसे को चोट पहुंचाने का काम करेगा.

उच्च न्यायालय ने अक्टूबर में एक कंपनी के अल्पांश शेयरधारकों को कुछ जांच दस्तावेज मुहैया कराने का सेबी को आदेश दिया था। इस आदेश को सेबी और कंपनी दोनों ने ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जहां पर उनकी अपील खारिज कर दी गई. याचिकाकर्ता भारत निधि लिमिटेड के अल्पांश शेयरधारक हैं और उन्होंने सेबी को सौंपी शिकायत में कंपनी पर प्रतिभूति नियमों के कई उल्लंघन करने के आरोप लगाए थे.

सेबी ने इन आरोपों की जांच शुरू करने के बाद कारण बताओ नोटिस भेजा था लेकिन बाद में इस मामले का निपटान आदेश जारी कर दिया गया। हालांकि अब इस आदेश को वापस ले लिया गया है. याचिका दायर करने वालों का कहना है कि सेबी की इस मामले में की जा रही जांच महज एक दिखावा है.

इस पर सेबी की तरफ से कहा गया कि मामले के निपटान का आदेश वापस ले लिए जाने के बाद इस याचिका में कुछ रह नहीं गया है.

हालांकि पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सेबी ने उसके आदेश का लगातार अनुपालन नहीं किया है जो कि अकल्पनीय और अस्वीकार्य है. पीठ ने कहा, "सेबी एक सार्वजनिक निकाय है और उसे सार्वजनिक हित में काम करने की जरूरत है। उसे न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करने की जरूरत है."

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