नयी दिल्ली, छह अक्टूबर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने रविवार को कहा कि उन्होंने गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (जीआईपीई) पुणे के कुलाधिपति का पद स्वीकार किया है।
ईएसी-पीएम के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने 27 सितंबर को जीआईपीई के कुलाधिपति पद से इस्तीफा दे दिया था।
इससे एक दिन पहले बंबई उच्च न्यायालय ने कुलपति अजीत रानाडे को अंतरिम राहत दी थी, जिन्हें पहले उनके पद से हटा दिया गया था।
सान्याल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, ''मैं यह बताना चाहता हूं कि मैंने गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स, पुणे का कुलाधिपति पद स्वीकार कर लिया है। जीआईपीई की सुस्थापित विरासत को आगे बढ़ाने के लिए संकाय, कर्मचारियों और छात्रों के साथ काम करने को तत्पर हूं।''
देबरॉय को इस साल जुलाई में मानद विश्वविद्यालय जीआईपीई का कुलाधिपति नियुक्त किया गया था। पिछले महीने उनके द्वारा गठित एक तथ्य-खोज समिति ने पाया कि रानाडे की नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानदंडों का उल्लंघन करती है, जिसके बाद रानाडे को जीआईपीई कुलपति के पद से हटा दिया गया था।
रानाडे ने अपने बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अंतरिम राहत प्राप्त की। इसके बाद देबरॉय ने नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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