मुंबई, 29 अप्रैल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के शीर्ष प्रबंधकीय अधिकारियों का वेतन तर्कसंगत होना चाहिए।
आरबीआई ने सभी एनबीएफसी के प्रमुख प्रबंधकों एवं शीर्ष प्रबंधन के सदस्यों के लिए वेतन एवं अन्य लाभ संबंधी पारितोषिक नीति के बारे में दिशानिर्देश जारी करते हुए इसे तर्कसंगत रखने को कहा है। हालांकि ये निर्देश सरकारी स्वामित्व वाली एवं 'बेस लेयर-3' श्रेणी वाली एनबीएफसी पर लागू नहीं होंगे।
इन दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी एनबीएफसी कंपनियों के निदेशक मंडल शीर्ष अधिकारियों के पारितोषिक तय करने के लिए एक नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति (एनआरसी) का गठन करेंगे।
आरबीआई ने कहा, "इस पैकेज में निश्चित वेतन के साथ परिवर्तनीय वेतन (वेरिएबल पे) घटक शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा क्षतिपूर्ति पैकेज को सभी प्रकार के जोखिमों के हिसाब से समायोजित किया जाना चाहिए। नकदी, इक्विटी और मुआवजे के अन्य रूपों का मिश्रण जोखिम के अनुरूप होना चाहिए।"
आरबीआई का यह दिशानिर्देश निश्चित वेतन एवं ‘वेरियबल पे’ घटकों की संरचना को भी परिभाषित करता है।
इसमें कहा गया है कि एनबीएफसी को गारंटीशुदा बोनस शीर्ष प्रबंधकों एवं वरिष्ठ प्रबंधन सदस्यों को नहीं देना चाहिए।
हालांकि नई भर्ती के संदर्भ में भर्ती या साइन-ऑन बोनस देने पर विचार किया जा सकता है। लेकिन इस तरह के बोनस को न तो निश्चित वेतन और न ही ‘वेरिएबल पे’ का का हिस्सा माना जाएगा।
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