Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में प्रवेश की अनुमति ना मिलने पर शिअद अध्यक्ष का लखनपुर में प्रदर्शन
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कठुआ/जम्मू, 18 अक्टूबर : शिरोमणि अकाली दल (ए) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान ने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश की अनुमति ना मिलने के बाद लखनपुर में रातभर प्रदर्शन किया. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. लखनपुर, जम्मू-कश्मीर की पंजाब से लगती सीमा के पास स्थित है. पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट से सांसद मान को कठुआ के जिलाधिकारी राहुल पांडे के आदेश पर केंद्र शासित प्रदेश में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया गया था. इसके बाद मान व उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया. पांडे ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) द्वारा उनके संज्ञान में लाया गया कि मान जम्मू-कश्मीर आने वाले हैं और उनकी यात्रा से ‘‘जन शांति भंग’’ होने की आशंका है. पांडे ने आदेश में कहा, ‘‘ इसलिए, मैं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत मुझे मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मान के कठुआ क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगाता हूं.’’

पांडे और एसएसपी रमेश कोतवाल रात को मान से मिलने पहुंचे और उनसे वापस जाने का अनुरोध किया. लेकिन मान ने लौटने से इनकार कर दिया. एक सूत्र ने बताया कि मान ने उन्हें प्रवेश करने से रोकने की उचित वजह बताने को कहा. उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने की धमकी भी दी और अधिकारियों से उन्हें गिरफ्तार करने को कहा. कठुआ प्रशासन के फैसले की निंदा करते हुए मान ने पहले कहा था, ‘‘ मैं एक सिख हूं इसलिए भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मुझे जम्मू-कश्मीर में आने नहीं दे रहे.’’ यह भी पढ़ें : दीपावली पर वायु प्रदूषण: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर में कोई विधानसभा नहीं है, वहां सेना का शासन है. कोई लोकतंत्र नहीं है. मैं कश्मीर के लोगों से मिलने आया था, मैं खुद देखना चाहता था कि वहां (अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद) क्या हो रहा है. मैं जमीनी स्थिति को दुनिया के सामने लाना चाहता था.’’ पंजाब और कठुआ से मान के समर्थकों के उनके पास धरना स्थल पर पहुंचने की योजना बनाने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने लखनपुर में सुरक्षा बढ़ा दी है. अधिकारियों ने बताया कि निषेधात्मक आदेशों को लागू करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती तौर पर अतिरिक्त तैनाती की गई है.