नवलनी (44) कोमा में हैं और बृहस्पतिवार से साइबेरिया के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं। उनकी हालत और इलाज से जुड़े विषयों को लेकर 24 घंटे से अधिक समय से चल रही ऊहापोह की स्थिति के बाद यह घटनाक्रम हुआ है।
उनके समर्थकों का मानना है कि उन्हें जहर दिये जाने के पीछे क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) का हाथ रहा होगा।
उनके परिवार और समर्थक उन्हें इलाज के लिये एक शीर्ष जर्मन अस्पताल में ले जााना चाहते हैं, लेकिन साइबेरिया के ओमस्क स्थित अस्पताल के चिकित्सक इसकी अनुमति देने के इच्छुक नहीं नजर आ रहे थे। जबकि जर्मन विशेषज्ञों एवं मेडिकल उपकरणों से लैस एक विमान भी उन्हें ले जाने के लिये आज सुबह यहां पहुंचा था।
उन्हें बर्लिन ले जाने की व्यवस्था करने वाले चैरिटी के प्रतिनिधि के मुताबिक जर्मन चिकित्सकों ने नवलनी की जांच की और कहा कि वह यात्रा कर सकते हैं।
हालांकि, रूसी टीम तब अनिच्छुक थी और अस्पताल के उप प्रमुख चिकित्सक एंतोली कलीनेशेंको ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें ले जाये जाने की इजाजत दी जाएगी।
हवाईअड्डा अधिकारियों के हवाले से रूस की आरआईए नोवोस्ती समाचार एजेंसी ने खबर दी कि उड़ान के शनिवार सुबह का कार्यक्रम है।
इससे पहले, उन्हें विदेश ले जाये जाने की इजाजत नहीं दिये जाने पर नवलनी के समर्थकों ने आरोप लगाया था कि यह उनके शरीर में जहर की किसी तरह की मौजूदगी पूरी तरह से खत्म हो जाने तक उन्हें कहीं और भेजे जाने को टालने की एक चाल है।
हालांकि, ओमस्क में एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि उनके शरीर में अभी तक जहर का कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है।
बाद में , जर्मन चिकित्सकों ने नवलनी की जांच की और पाया कि उनकी हालत इलाज के लिये जर्मनी ले जाये जाने लायक है। उन्हें बर्लिन ले जाने का इंतजाम करने वाले गैर सरकारी संगठन के एक प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी।
सिनेमा फॉर पीस एनजीओ के फिल्म निर्माता जका बिजील्ज ने जर्मन मेडिकल टीम से संपर्क करने के बाद समाचार एजेंसी एपी से कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि वह अभी भी अचेत हैं लेकिन उन्होंने (मेडिकल टीम ने) स्पष्ट रूप से कहा है कि वह विमान से यात्रा कर सकते हैं और वे उन्हें विमान से ले जाना चाह रहे हैं। ’’
इस बीच, क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि वह उन्हें जर्मनी भेजने के किसी निर्देश से अवगत नहीं हैं और यह पूरी तरह से एक मेडिकल फैसला है।
पोस्कोव ने कहा, ‘‘इससे उनकी जान को खतरा हो सकता हे। ’’
नवलनी की पत्नी ने संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल कर्मियों और उन्हें संदेह है कि कानून प्रवर्तन एजेंटों ने उन्हें जर्मन विशेषज्ञों से बात नहीं करने दी, जिन्हें अस्पताल में पिछले दरवाजे से गुप्त रूप से लाया गया था ।
युलिया नवलनी ने कहा, ‘‘मुझे जबरन निकाल दिया गया। यह एक डरावनी स्थिति है। हमें एलेक्सी को ले जाने नहीं दिया गया। हमारा मानना है कि कुछ ऐसी चीज है जिसे हमसे छिपाया जा रहा है।’’ उनकी आवाज कांप रही थी।
उन्होंने इलाज के लिये अपने पति को विदेश ले जाने के लिये शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन से लिखित में अनुरोध किया। बाद में, आज यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने कहा कि वह नवलनी के सहयोगियों के उस अनुरोध पर विचार कर रहा है जिसमें रूसी सरकार से उन्हें विदेश जाने देने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।
इससे पहले, रूसी चिकित्सकों ने कहा है कि राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के धुर विरोधी नेता को जहर दिये जाने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
उधर, नवलनी के करीब सहयोगी लियोनिड वोल्कोव ने बर्लिन में संवाददाताओं से कहा कि उनकी टीम ने नवलनी को बर्लिन के एक अस्पताल लाये जाने की व्यवस्था की थी, लेकिन रूसी चिकित्सकों ने इसकी इजाजत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह यात्रा नहीं कर पाएंगे।
ओमस्क अस्पताल में उप प्रमुख चिकित्सक अंतोली कलीनीशेंको ने कहा कि नवलीनी के शरीर में जहर की मौजूदगी का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
नवलनी की प्रवक्ता किरा यारमीश ने कलीनीशेंको के बयान का एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया।
कलीनीशेंको ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘...हम यह नहीं मानते हैं कि मरीज को जहर दिया गया था। ’’
उन्होंने कहा कि जांच के नतीजों से नवलनी के परिवार के सदस्यों को अवगत करा दिया गया है।
वहीं, शुक्रवार को नवलनी के सहयोगी इवान झदानोव ने कहा कि पुलिस ने नवलनी के शरीर में एक खतरनाक जहरीले पदार्थ का साक्ष्य पाया है, लेकिन यह नहीं बताया कि वह क्या है ? पुलिस अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि नहीं की।
नवलनी विमान यात्रा के दौरान कथित रूप से जहर दिए जाने के बाद कोमा में हैं।
नवलनी की प्रवक्ता ने दिन में ट्वीट किया था, ‘‘मुख्य चिकित्सक ने कहा कि नवलनी यात्रा करने की स्थिति में नहीं हैं। उनकी हालत अस्थिर है। उन्हें दूसरे अस्पताल में ले जाये जाने का परिवार का फैसला भर ही पर्याप्त नहीं है। ओमस्क से बर्लिन तक हवाई यात्रा में करीब छह घंटे लगते हैं। ’’
उनकी प्रवक्ता ने बताया कि नवलनी बृहस्पतिवार को जब साइबेरिया से हवाई जहाज से मॉस्को लौट रहे थे, तभी वह अस्वस्थ हो गए।
यारमीश ने ‘इको मॉस्कोवी रेडियो स्टेशन’ को बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार को विमान में सवार होने से पहले हवाई अड्डे पर स्थित कैफे से चाय पी थी, जिसमें कुछ जहरीला पदार्थ दिया गया होगा।
उन्होंने बताया, ‘‘ नवलनी को पसीना आ रहा था और उन्होंने मुझसे बात करने को कहा ताकि वह आवाज पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इसके बाद वह शौचालय गए जहां वह बेहोश हो गए। उनकी हालत गंभीर है, वह कोमा में है और वेंटिलेटर पर है।’’
पिछले साल नवलनी को जेल से एक अस्पताल ले जाया गया था। वह गिरफ्तारी के बाद कैद की सजा काट रहे थे। उनकी टीम ने उन्हें जहर दिये जाने का संदेह जताया था। वहीं, चिकित्सकों ने कहा था कि उन्हें एलर्जी की वजह से यह समस्या पेश आई और अगले दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई तथा वह वापस जेल भेज दिये गये ।
अन्य विपक्षी हस्तियों ने इस मामले में क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) का हाथ होने की आशंका जताई है।
रूसी प्रदर्शन समूह पुस्सी रॉयट के सदस्य प्योत्र वर्जिलोव ने एसोसिएट प्रेस से कहा, ‘‘हम आश्वस्त है कि नवलनी या मुझको निशाना बनाने की क्षमता रूस के राजनीतिक नेतृत्व के आदेश पर केवल रूसी सुरक्षा सेवा के लोगों के पास है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि निश्चित तौर पर पुतिन ने व्यक्तिगत तौर पर इसकी अनुमति दी होगी।’’
नवलनी का फाउंडेशन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा है और सरकारी अधिकारियों की रिश्वतखोरी का पर्दाफाश कर रहा है। इस तरह के कुछ खुलासे उच्च स्तर पर भी किये गये हैं। एक मुकदमे के बाद पिछले महीने उन्हें फाउंडेशन बंद करना पड़ा।
रूसी विपक्ष के सबसे प्रमुख नेता नवलनी ने 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन को चुनौती देने के लिये प्रचार अभियान चलाया था लेकिन उन्हें उम्मीदवारी से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
उन्होंने समूचे रूस में प्रचार अभियान कार्यालय खोले और क्षेत्रीय चुनावों में वह विपक्षी उम्मीदवारों को रूस की सत्तारूढ़ पार्टी ‘यूनाइटेड रूस’ को चुनौती देने के लिये प्रेरित करते रहे हैं।
एपी
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