विदेश की खबरें | रूस ने युद्ध में पहली बार अंतर-महाद्वीपीय मिसाइल का इस्तेमाल किया : यूक्रेन
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

यूक्रेनी वायुसेना ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ पर एक बयान में कहा कि इसे रूस के कैस्पियन सागर से लगते अस्त्रखान क्षेत्र से दागा गया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वास्तव में यह किस तरह की मिसाइल थी।

इसने कहा कि आठ अन्य मिसाइलों के साथ निप्रो शहर पर एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई और यूक्रेनी सेना ने उनमें से छह मिसाइलों को नष्ट कर दिया।

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हमले के परिणामस्वरूप दो लोग घायल हो गए और एक औद्योगिक प्रतिष्ठान तथा दिव्यांग लोगों का एक पुनर्वास केंद्र क्षतिग्रस्त हो गया।

हालांकि, आईसीबीएम की मारक परिधि यूक्रेन के खिलाफ उपयोग के लिए अत्यधिक प्रतीत होती है। ऐसी मिसाइलों को परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है और इसका उपयोग रूस की परमाणु क्षमता के शक्तिशाली संदेश के रूप में काम करेगा।

यह हमला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा संशोधित परमाणु सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए जाने के दो दिन बाद हुआ है जो देश में परमाणु हथियारों के उपयोग की सीमा को औपचारिक रूप से कम करता है।

यूक्रेन ने अमेरिका द्वारा भेजी गईं लंबी दूरी की कई मिसाइलें मंगलवार को दागीं और ब्रिटेन निर्मित ‘स्टॉर्म शैडोज’ मिसाइलों का भी बुधवार को कथित तौर पर इस्तेमाल किया।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उसकी वायु रक्षा प्रणालियों ने ब्रिटेन निर्मित दो ‘स्टॉर्म शैडो’ मिसाइलों, छह एचआईएमएआरएस रॉकेट और 67 ड्रोन को नष्ट कर दिया।

यूक्रेन में ‘‘विशेष सैन्य अभियान’’ के बारे में मंत्रालय द्वारा दैनिक तौर पर प्रदान की जाने वाली जानकारी में यह घोषणा की गई। इसमें यह नहीं बताया गया कि वास्तव में यह घटना कब और कहां हुई या मिसाइलें किसको निशाना बनाने के लिए दागी गई थीं।

‘स्टॉर्म शैडो’ मिसाइलों को गिराने की मॉस्को की यह पहली सार्वजनिक घोषणा नहीं है। रूस ने पूर्व में भी अपने कब्जे वाले क्रीमिया प्रायद्वीप में इस तरह की कुछ मिसाइलों को नष्ट करने की बात कही थी।

यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब युद्ध के मैदान में रूस की मदद के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों के पहुंचने के साथ युद्ध ने अधिक अंतरराष्ट्रीय आयाम ले लिया है।

अधिकारियों का कहना है कि रूस की मदद के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों के पहुंचने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन को लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलें रूस पर दागने को लेकर यूक्रेन को अनुमति देने संबंधी अपनी नीति में बदलाव करना पड़ा।

बाइडन के नीति परिवर्तन पर रूस ने धमकी दी कि इसके परिणाम ठीक नहीं होंगे।

पुतिन ने पूर्व में भी अमेरिका और अन्य नाटो सहयोगियों को चेतावनी दी थी कि यूक्रेन को रूसी क्षेत्र पर हमला करने के लिए लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने का मतलब रूस और नाटो के बीच युद्ध से होगा।

मॉस्को का नया सिद्धांत परमाणु शक्ति समर्थित किसी भी राष्ट्र की ओर से रूस पर किए जाने वाले पारंपरिक हमले पर भी रूसी बलों को संभावित तौर पर परमाणु हमला करने की अनुमति देता है।

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