मास्को, 17 जून रूस ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प से चिंतित है लेकिन उसका मानना है कि उसके दोनों करीबी सहयोगी खुद ही टकराव की स्थिति को सुलझा सकते हैं।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे।
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से बहुत ध्यान से देख रहे हैं कि चीनी-भारतीय सीमा पर क्या हो रहा है। हमारा मानना है कि यह बहुत ही चिंताजनक रिपोर्ट है।’’
रूसी समाचार एजेंसी तास ने पेसकोव के हवाले से बताया, ‘‘लेकिन हमारा मानना है कि दोनों देश भविष्य में इस तरह की स्थिति को टालने के लिए आवश्यक कदम उठाने में सक्षम हैं।’’
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प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत रूस के करीबी सहयोगी हैं और ‘‘पारस्परिक सम्मान के आधार पर बने (रूस के साथ) बहुत करीबी संबंध हैं।’’
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को दिए गए कड़े संदेश में बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में हुई अप्रत्याशित घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने चीन से स्थिति में सुधार करने वाले कदम उठाने को कहा है।
जयशंकर और वांग की टेलीफोन पर बातचीत हुई।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष को लेकर विदेश मंत्री ने भारत सरकार के विरोध को कड़े शब्दों में व्यक्त किया है।’’
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