मुंबई, 22 मई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों के नरम पड़ने के बीच बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दो पैसे की मजबूती के साथ 83.29 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी कोषों की निकासी की वजह से हालांकि रुपये का लाभ सीमित रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.29 प्रति डॉलर पर खुला तथा कारोबार के दौरान 83.22 से 83.30 प्रति डॉलर के दायरे में घूमने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले दो पैसे की तेजी के साथ 83.29 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
शेयरखान बाय बीएनपी परिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि सकारात्मक घरेलू बाजारों और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय रुपये में तेजी आई। हालांकि, मिश्रित से सकारात्मक अमेरिकी डॉलर और एफआईआई बहिर्वाह ने तेज बढ़त को सीमित कर दिया।
चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि रुपया थोड़ा नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा क्योंकि अगर फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे आक्रामक रहे तो अमेरिकी डॉलर निचले स्तर से उबर सकता है।’’
चौधरी ने कहा कि एफआईआई की निकासी भी रुपये पर दबाव डाल सकता है। हालांकि, घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख और कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकती है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.75 हो गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 267.75 अंक की तेजी के साथ 74,221.06 अंक पर बंद हुआ।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82.31 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में बिकवाल रहे और उन्होंने बुधवार को शुद्ध रूप से 686.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)