मुंबई, 29 अक्टूबर सकारात्मक घरेलू शेयर बाजार और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से मिले समर्थन के कारण मंगलवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया दो पैसे की तेजी के साथ 84.05 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
हालांकि, विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी से बाजार धारणा प्रभावित हुई और इसने रुपये की बढ़त को सीमित कर दिया।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर के आसपास मंडरा रहा है क्योंकि मजबूत डॉलर ने स्थानीय मुद्रा पर दबाव डाला है, जबकि सकारात्मक घरेलू शेयर बाजार, कमजोर कच्चे तेल की कीमतों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा संदिग्ध हस्तक्षेप ने स्थानीय मुद्रा को निचले स्तर पर समर्थन दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 84.08 के भाव पर खुला। यह एक सीमित दायरे में कारोबार के बाद सत्र के अंत में दो पैसे की तेजी दर्शाता 84.05 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे की बढ़त के साथ 84.07 पर बंद हुआ था।
रुपये ने 11 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले 84.10 के अपने सबसे निचले स्तर को छुआ था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.27 पर कारोबार कर रहा था।
कारोबारियों ने कहा कि रुपया इस समय विदेशी कोषों की भारतीय बाजार से लगातार निकासी जारी रहने के कारण भारी दबाव में है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने बाजार की मौजूदा चुनौतियों के बावजूद रुपये पर दबाव कम करने में मदद की है।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.74 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई सेंसेक्स 363.99 अंक यानी 0.45 प्रतिशत बढ़कर 80,369.03 अंक पर और एनएसई निफ्टी 127.70 अंक यानी 0.52 प्रतिशत चढ़कर 24,466.85 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 548.69 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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