मुंबई, सात नवंबर अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे टूटकर 84.37 (अस्थायी) के अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। कमजोर घरेलू शेयर बाजार और विदेशी कोषों की सतत निकासी ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों से पहले भी निवेशक सतर्क है। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने भी स्थानीय मुद्रा पर दबाव डाला।
हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर सूचकांक में गिरावट से रुपये को मदद मिली और इसका नुकसान सीमित रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.26 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 84.26 के उच्चस्तर और 84.38 के निचले स्तर के बीच रहने के बाद अंत में छह पैसे की गिरावट के साथ 84.37 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 22 पैसे की गिरावट के साथ 84.31 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘आशंका है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के कारण अमेरिकी डॉलर में समग्र मजबूती के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, भू-राजनीतिक जोखिम कम होने पर जिंस कीमतों में नरमी से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.22 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 104.86 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.32 प्रतिशत गिरकर 74.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 836.34 अंक की गिरावट के साथ 79,541.79 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 284.70 अंक टूटकर 24,199.35 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 4,445.59 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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