मुंबई, 13 जून स्थानीय शेयर बाजार में बीएसई और एनएसई दोनों ही सूचकांकों के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचने के बावजूद अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे की गिरावट के साथ 83.54 पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़ों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत निर्णय के कारण डॉलर सूचकांक में अस्थिरता के बावजूद रुपये में डॉलर के मुकाबले जुझारूपन दिखा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.52 पर खुला और कारोबार के अंत में छह पैसे की गिरावट के साथ 83.54 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बुधवार को रुपया 11 पैसे सुधरकर 83.48 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक - जिंस एवं मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘रुपये ने स्थिरता के साथ 83.52-83.57 के दायरे में कारोबार किया। सीपीआई आंकड़े और फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले के कारण डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव के बाद भी, रुपया डॉलर के मुकाबले जुझारू दिखा।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.81 पर कारोबार कर रहा था।
ब्रेंट कच्चा तेल 0.84 प्रतिशत घटकर 81.91 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर, भारत की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि अप्रैल, 2024 में तीन महीने के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ गई है, जिसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है। हालांकि, खनन और बिजली क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
इस बीच, बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रही और यह मई में एक साल के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई, जिसका कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली गिरावट थी।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 204.33 अंक की बढ़त के साथ 76,810.90 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। इसी प्रकार निफ्टी 75.95 अंक बढ़कर 23,398.90 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को 3,033 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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