जरुरी जानकारी | रुपया चार पैसे की गिरावट के साथ 83.16 प्रति डॉलर पर

मुंबई, 23 अक्टूबर स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के पांच प्रतिशत तक बढ़ने के बीच सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे टूटकर 83.16 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

बाजार सूत्रों ने बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा के स्थिर रहने से रुपये का नुकसान सीमित रहा।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 83.15 पर खुला। दिन में 83.19 से 83.09 के बीच कारोबार करने के बाद यह 83.16 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव के मुकाबले चार पैसे की गिरावट है।

शुक्रवार को रुपया 83.12 प्रति डॉलर पर स्थिर बंद हुआ था।

मंगलवार को दशहरा पर्व के मौके पर विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार बंद रहेगा।

विश्लेषकों ने कहा कि पश्चिम एशिया में व्यापक संघर्ष के उच्च जोखिम के बीच अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल सख्त होने से उभरती मुद्राओं और जोखिम भरी संपत्तियों पर असर पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा पूंजी बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली ने रुपये पर दबाव डाला है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप ने कीमतों को स्थिर करने और रुपये को 83.25 से नीचे गिरने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं और भू-राजनीतिक तनाव अब भी रुपये के मूल्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 106.21 पर लगभग स्थिर रहा।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 91.95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 825.74 अंक की गिरावट के साथ 64,571.88 अंक पर बंद हुआ।

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 252.25 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अबतक 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं जिसका मुख्य कारण अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में निरंतर वृद्धि तथा इस्राइल-हमास तनाव के कारण पैदा हुई अनिश्चितता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)