मुंबई, 20 जून पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे टूटकर दो महीने के निचले स्तर 83.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। हालांकि, इस दौरान स्थानीय शेयर बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गए।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, विदेशी कोषों का निवेश बढ़ने और घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख के बावजूद स्थानीय मुद्रा को समर्थन नहीं मिल सका। स्थानीय मुद्रा विदेशों में प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले मजबूत डॉलर के कारण दबाव में आ गई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय रुपया 83.43 पर खुला और 83.42 के दिन के उच्चतम स्तर को छू गया। सत्र के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 83.68 के सर्वकालिक निचले स्तर पर भी आया। अंत में यह 17 पैसे की गिरावट के साथ 83.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे की गिरावट के साथ 83.44 पर बंद हुआ।
इससे पहले रुपया इस साल 16 अप्रैल को 83.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी परिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण रुपये में गिरावट आई।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.21 प्रतिशत बढ़कर 105.10 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.18 प्रतिशत बढ़कर 85.22 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 141.34 अंक बढ़कर 77,478.93 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 51 अंक की बढ़त के साथ 23,567 अंक के नए शिखर पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 415.30 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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