मुंबई, 11 अक्टूबर कमजोर घरेलू शेयर बाजार और विदेशी कोषों की सतत निकासी के बीच अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 12 पैसे की गिरावट के साथ 84.10 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, पश्चिम एशिया में स्थिति अस्थिर बनी हुई है और इससे अल्पावधि में कच्चे तेल की कीमतें ऊंची तथा रुपया कमजोर रह सकता है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले एक पैसे की तेजी के साथ 83.97 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 83.96 के दिन के उच्चस्तर और 84.10 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में 12 पैसे की गिरावट के साथ 84.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बृहस्पतिवार को रुपया 83.98 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘आठ अगस्त, 2024 से रुपये को 83.99 से नीचे की सीमा में रखने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आखिरकार रुपये को 84 से नीचे कमजोर होने दिया, क्योंकि एफपीआई जो इक्विटी में बड़े विक्रेता के रूप में उभरे हैं, ने अपना पैसा देश से बाहर निकालने के लिए डॉलर खरीदना जारी रखा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि रुपया अल्पावधि में 84.25 तक जाएगा।...ईरान, इज़राइल, लेबनान की खबरें भी अच्छी नहीं लगती हैं और इससे तेल मजबूत और रुपया कमजोर रह सकता है।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत घटकर 102.89 रह गया।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.57 प्रतिशत घटकर 78.95 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसक्स 230.05 अंक घटकर 81,381.36 अंक पर और एनएसई निफ्टी 34.20 अंक के नुकसान के साथ 24,964.25 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 4,162.66 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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