काठमांडू, छह दिसंबर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली रविवार को सत्तारूढ़ दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक में नहीं पहुंचे। ओली एनसीपी के अध्यक्षों में से एक हैं।
एनसीपी के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा कि पार्टी की स्थायी समिति को भेजे गए पत्र में ओली ने बताया है कि वह बैठक में शरीक होने में असमर्थ हैं।
श्रेष्ठ ने कहा कि स्थायी समिति की अगली बैठक 13 दिसंबर को निर्धारित है।
एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' तथा वरिष्ठ नेता राम माधव कुमार नेपाल समेत असंतुष्ट धड़े के नेताओं ने ओली से प्रधानमंत्री तथा पार्टी अध्यक्ष दोनों पदों से इस्तीफा देने की मांग की थी, जिसके बाद पार्टी में आंतरिक कलह सामने आ गई थी। इससे पहले ओली ने असंतुष्ट नेताओं पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
पार्टी के सचिवालय में 13 नवंबर को हुई बैठक में रखे गए 19 पृष्ठों के राजनीतिक दस्तावेज में प्रचंड ने सरकार और पार्टी सही ढंग से नहीं चलाने के लिये ओली की आलोचना की थी। उन्होंने ओली पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे।
हालांकि ओली ने आरोपों से इनकार करते हुए प्रचंड को भ्रष्टाचार के आरोपों को कानूनी रूप से साबित करने या फिर माफी मांगने की चुनौती दी थी।
ओली ने उस राजनीतिक दस्तावेज पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि अगर रविवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में वही प्रस्ताव रखा गया तो वह उसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने प्रचंड द्वारा पेश किये गए राजनीतिक दस्तावेज को अपने खिलाफ ''आरोप पत्र'' करार दिया था।
ओली ने रविवार को भेजे पत्र में अपना रुख दोहराया कि प्रचंड को बिना शर्त राजनीतिक प्रस्ताव वापस लेना चाहिये।
ओली ने पत्र में लिखा, ''स्थायी समिति की बैठक में पार्टी के एकीकरण, पार्टी के आगामी महासम्मेलन की तैयारियों और कोविड-19 की रोकथाम के लिये बेहतर ढंग से काम करने से संबंधित लंबित कार्यों को अंतिम रूप देने पर चर्चा की जानी चाहिये।''
ओली ने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व में बदलाव के मुद्दे को चार महीने बाद होने वाले एकीकृत पार्टी के पहले महासम्मेलन के जरिये सुलझाना चाहिये।
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