भुवनेश्वर, 28 नवंबर विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने पांच साल की बच्ची ‘परी’ के अपहरण और हत्या के मुद्दे पर शनिवार को लगातार चौथे दिन ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी।
हालांकि राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि मामले की एसआईटी जांच, अदालत की निगरानी में होगी।
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सदन की कार्यवाही शुरू होने साथ ही कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंहा मिश्रा द्वारा इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया गया।
भाजपा के नेताओं ने साहू को मंत्रिमंडल से निकालने की मांग दोहराई।
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विपक्ष का आरोप है कि परी के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को सुरक्षा देने के संबंध में साहू की भूमिका स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने कहा कि नन्ही बच्ची के अपहरण और हत्या की घटना के चार महीने से अधिक बीत जाने के बावजूद पुलिस किसी भी आरोपी को पकड़ने में नाकाम रही है।
नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक पी के नाइक ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर बच्ची को परिजन को न्याय दिलाने की अपेक्षा कृषि मंत्री को बचाने का आरोप लगाया।
भाजपा मामले की जांच सीबीआई से कराने और साहू को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर रही है।
नाइक ने कहा, “परी के अपहरण और हत्या का मामला कोई छोटी घटना नहीं है। बच्ची 14 जुलाई को लापता हुई थी और 23 जुलाई को उसके अवशेष उसके घर के पिछवाड़े से मिला था। उसके अंग निकाले गए थे और इसकी आशंका है कि वह अंग किसी धनी परिवार के बच्चे के शरीर में प्रतिरोपित कर दिए गए हों। इसलिए हम घटना की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।”
भाजपा सदस्यों ने बच्ची के अपहरण और हत्या की घटना पर राज्य सरकार की अपराध शाखा और विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच भी खारिज कर दी।
घटना चार महीने पहले हुई थी लेकिन मामला बड़े स्तर पर तब उजागर हुआ जब मृतका के माता पिता ने मंगलवार को विधानसभा के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया।
इस मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष द्वारा हंगामा किया जा रहा है।
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