भारतीय टीम 46.2 ओवर में 211 रन पर आउट हो गयी। दक्षिण अफ्रीका सलामी बल्लेबाज टोनी डी जोरजी की पहली शतकीय पारी (नाबाद 119 रन) के दम पर आठ विकेट की आसान जीत दर्ज कर तीन मैचों की श्रृंखला को 1-1 से बराबर करने में सफल रहा।
मैच की शुरुआत में पिच से तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिल रही थी जिससे भारतीय बल्लेबाजों को सामंजस्य बैठाने में परेशानी हुई। दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी के समय पिच की नमी थोड़ी कम हो गयी और उनके बल्लेबाजों ने भी भारत के स्विंग गेंदबाजों का संयम के साथ डट कर सामना किया।
राहुल ने कहा कि टीम ने 50-60 रन कम बनाये और टीम को पांचवें ओवर में मुकेश कुमार की गेंद पर रीजा हेंड्रिक्स का कैच टपकाना भारी पड़ा। हेंड्रिक्स ने मैच में 81 गेंद में 52 रन बनाने के साथ पहले विकेट के लिए डी जोरजी के साथ 130 रन की साझेदारी कर मैच को भारत की पकड़ से दूर कर दिया।
मैच के बाद पुरस्कार समारोह में जब राहुल से पूछा गया कि वह इस परिणाम से बचने लिए क्या कर सकते थे, तो उन्होंने कहा, ‘‘ शायद टॉस हारना बुरा रहा। शुरुआत में (गेंदबाजों के लिए) थोड़ी मदद थी। इस पर बल्लेबाजी करना कठिन था लेकिन हम में से कुछ बल्लेबाज अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके। अगर हम अपनी पारी जारी रखते तो 50-60 रन और जोड़ सकते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने बल्लेबाजी की, तो हमने सोचा कि 240-250 रन का स्कोर अच्छा होगा। हम क्रीज पर समय बिताने के बाद कुछ और रन बना सकते थे। हमने अहम समय पर विकेट गंवा दिये।
राहुल ने 64 गेंदों में 56 रन बनाने के साथ तीसरे विकेट के लिए साई सुदर्शन (62) के साथ 68 रन की साझेदारी की।
उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी को टीम में उसकी भूमिका के बारे में पता है। आपको उन पर भरोसा करना होगा। मैं अपनी भूमिका को पूरी स्पष्टता के साथ निभाने की कोशिश करता हूं। क्रिकेट में कोई सही या गलत नहीं है और आप अपनी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ करना चाहते है।
राहुल ने कहा, ‘‘ शुरुआती 10 ओवरों में हमारे गेंदबाज भी पिच से मदद हासिल करने में सफल रहे। गेंदबाजों ने बल्लेबाजों को लगातार छकाया और कई बार गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेने से बची। हम अगर शुरुआत में वह कैच लेने में सफल रहते तो शायद परिणाम कुछ और होता।’’
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्कराम ने कहा कि लक्ष्य का पीछा करते समय पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी ने उनका काम आसान कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बल्लेबाजी कुछ दिन पहले की तुलना में काफी बेहतर रही। हमने गेंदबाजी में भी अच्छा प्रदर्शन किया।। जब सलामी बल्लेबाज क्रीज पर आए तो गेंद काफी स्विंग हो रही थी। उन्होंने शतकीय साझेदारी कर इसे आसान बना दिया।’’
मार्कराम ने कहा, ‘‘ यह मुश्किल विकेट था लेकिन अगर आपने जज्बा दिखाया तो बड़ा स्कोर कर सकते थे।’’
उन्होंने करियर के तीसरे मैच में शतकीय पारी खेलने वाले जोरजी की तारीफ की। मार्कराम ने कहा, ‘‘उसके लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इस तरह की बल्लेबाजी के बाद नाबाद रहना यादगर रहेगा। उनके लिए यह सिर्फ शुरुआत है।’’
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