काठमांडू, 19 मार्च नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के खिलाफ विरोध को तेज करते हुए सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के प्रतिद्वंद्वी गुट ने पार्टी की सभी समितियों को पुनर्जीवित और पुनर्गठित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
‘माई रिपब्लिका’ की एक खबर के अनुसार माधव कुमार नेपाल और झाला नाथ खनल के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के प्रतिद्वंद्वी गुट ने चार हजार से अधिक पार्टी नेताओं और इस धड़े के करीबी कार्यकर्ताओं की बृहस्पतिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सभा के समापन के बाद पार्टी की समानांतर समितियों का गठन करने का फैसला किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के अध्यक्ष ओली इसे विभाजित करने पर आमादा थे।
‘द काठमांडू पोस्ट’ ने नेपाल-खनल गुट के एक प्रमुख सदस्य योगेश भट्टराई के हवाले से बताया, ‘‘हम सीपीएन-यूएमएल की एकता के लिए हैं। इसलिए हम पार्टी के भीतर रहकर अपना संघर्ष जारी रखेंगे। हमारे पास विभाजन की घोषणा करने की कोई योजना नहीं है।’’
हालांकि, गुट के कुछ नेताओं ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री ओली द्वारा आयोजित संसदीय बैठक का बहिष्कार किया था।
पार्टी के सचेतक शांता चौधरी ने कहा कि बैठक ने फैसला किया गया है कि पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पार्टी आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी।
उच्चतम न्यायालय द्वारा सीपीएन-यूएमएल के साथ सीपीएन-एमसी के विलय को रद्द करने के बाद देश में राजनीतिक परिदृश्य बिगड़ गया था।
वर्ष 2017 के आम चुनावों में उनके गठबंधन की जीत के बाद एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी बनाने के लिए मई 2018 में दोनों दलों का विलय हो गया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)