दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शनिवार से संशोधित चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना लागू होगी
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits : PTI)

नयी दिल्ली, 1 अक्टूबर : दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के तहत संशोधित चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) शनिवार से लागू हो गयी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जनता और विशेषज्ञों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए कि प्रारंभिक एहतियाती उपाय वायु गुणवत्ता में गिरावट को रोक सकते हैं, इस बार जीआरएपी को जल्दी लागू करने का निर्णय लिया. संशोधित कार्य योजना के तहत पूर्वानुमान के आधार पर तीन दिन पहले सूचित कर प्रदूषणकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है. अधिकारियों के मुताबिक पर्यावरण विभाग नयी रीयल-टाइम सोर्स एपॉर्शनमेंट सिस्टम (वास्तविक समय स्रोत विभाजन प्रणाली) का उपयोग करेगा जो वास्तविक समय में वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने में मदद करेगा और इसके आंकड़े 20 अक्टूबर से उपलब्ध होंगे.

ग्रीन वॉर रूम वायु प्रदूषण संबंधी नियमों के उल्लंघनों की निगरानी करेगा और पिछले दो वर्षों से अपनाई जा रही पद्धति को ध्यान में रखते हुए शिकायतों का निवारण करेगा. जीआरएपी को अब दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरणों के तहत वर्गीकृत किया गया है. पहला चरण - 'खराब', यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच है. दूसरा चरण- 'बहुत खराब' यदि एक्यूआई 301-400 के बीच है, तीसरा चरण - 'गंभीर' यदि एक्यूआई 401-450 के बीच है. चौथा चरण - 'अत्यधिक गंभीर', यदि एक्यूआई 450 से ऊपर है. पहले चरण के तहत सीएक्यूएम ने प्रदूषणकारी उद्योगों, वाहनों और बायोमास जलाने के खिलाफ कठोर कार्रवाई की सिफारिश की है. यह भी पढ़ें : Tamil Nadu: अवैध खनन के खिलाफ राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई, 2 अधिकारी निलंबित

दूसरे चरण के तहत होटल, रेस्तरां, भोजनालयों में तंदूर के अलावा आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर सेटों में कोयले और लकड़ी का उपयोग प्रतिबंधित है. यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में जाता है तो तीसरे चरण के तहत अधिकारियों को आवश्यक परियोजनाओं (जैसे रेलवे, महानगरों, हवाई अड्डों, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा / राष्ट्रीय महत्व की रक्षा-संबंधित परियोजनाओं) और प्लंबर, लकड़ी का काम, आंतरिक सजावट और बिजली के काम जैसी गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियों को छोड़कर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू करना होगा.

तीसरे चरण के तहत स्वच्छ ईंधन से नहीं चलने वाले ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर और एनसीआर में खनन और संबंधित गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहेगा. वायु गुणवत्ता सूचकांक 'अत्यधिक गंभीर' होने पर दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाने के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले मध्यम मालवाहक वाहनों और भारी मालवाहक वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.