ठाणे, पांच जून शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री उदय सामंत ने बुधवार को स्वीकार किया कि राज्य में ‘महायुति’ के लिए लोकसभा चुनाव के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी खराब प्रदर्शन की समीक्षा करेगी और स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाएगी।
सामंत ने हालांकि, माना कि उम्मीदवारों की घोषणा करने में देरी और कुछ सीट पर घोषित उम्मीदवारों को बदलने से पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नौ, शिवसेना को सात और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को एक सीट मिली है। इस प्रकार सत्तारूढ़ गठबंधन को महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीट में से केवल 17 सीट मिली है।
ठाणे शहर में स्थित शिवसेना के मुख्यालय आनंद आश्रम में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सामंत ने कहा कि लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों के सभी प्रतिनिधियों की प्रदर्शन रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी और ‘महायुति’ के घटक दलों के नेता उसके आधार पर जरूरी कदम उठाएंगे।
लोकसभा चुनाव में गठबंधन के निराशाजनक प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘हम देखेंगे की कहां खामी रह गई और उसे सुधारने के लिए कदम उठाएंगे।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष कई सामाजिक समूहों में भ्रम की स्थिति पैदा करने में सफल रहा जिसकी वजह से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हुआ।
सामंत ने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (जो अक्टूबर में होने हैं) से पहले अपनी गलतियों को सुधारेंगे और वापसी करेंगे।’’उन्होंने दावा किया कि विपक्ष की खुशी क्षणिक है।
सामंत ने विपक्ष का मखौल उड़ाया जो प्रत्येक बार हारने पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जिम्मेदार ठहराते हैं।
राज्य सरकार में मंत्री ने सवाल किया, ‘‘अब शिवसेना (यूबीटी) ने नौ सीट पर जीत दर्ज की है, क्या वह उन नौ सीट पर दोबारा चुनाव कराने की मांग करेगी।’’
एक सवाल के जवाब में राज्य के उद्योग मंत्री ने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि विपक्षी दलों ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों में भ्रम फैलाया जिन्होंने सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी जिलों में उनके पक्ष में मतदान किया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)