राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए आगे का रास्ता सुगम नहीं है। आगामी 23 मई को प्रतिबंध खत्म होने के साथ ही, उन्हें सीमा पर प्रवासन में अपेक्षित वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जो प्रवासियों के बड़ी संख्या में आगमन को प्रबंधित करने में असमर्थ है और 17 लाख से अधिक शरण मामलों के बैकलॉग में फंसा है।
रिपब्लिकन पहले से ही अस्थायी सीमा सुविधाओं में फंसे हजारों लोगों के लिए बाइडन को दोषी ठहराना चाहते हैं ताकि इससे उनकी छवि पर खराब असर हो।
‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन’ ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह शरण पर अगले माह से प्रतिबंध हटा लेगा।
अनेक डेमोक्रैट नेता और अप्रवासन के हिमायती इसे केवल सीमा पर शरण मांगने वालों को सुरक्षित स्थान प्रदान करने से बचने को अमेरिका द्वारा अपने नैतिक और कानूनी दायित्वों से पीछा छुड़ाने से ज्यादा कुछ नहीं मानते।
प्रतिबंध हटने के बाद अप्रवासी नागरिकों का संभावित आगमन बाइडन के लिए राजनीतिक रूप से हानिकारक संकट पैदा हो सकता है, क्योंकि नवम्बर में मध्यावधि चुनाव होने हैं।
राष्ट्रपति बाइडन को आव्रजन के प्रबंधन के तौर-तरीकों पर पहले ही डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसदों से आलोचना झेलनी पड़ रही है।
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