इस्लामाबाद, सात अगस्त पाकिस्तानी की शीर्ष जांच एजेंसी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के खिलाफ प्रतिबंधित वित्त पोषण मामले की जांच में सहयोग करने के लिए पांच सदस्यीय विशेष निगरानी समिति का गठन किया है।
मीडिया में रविवार को आयी एक खबर में बताया गया कि प्राधिकारियों ने इस मामले की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अभी इस मामले की जांच मंडलीय दल कर रहे हैं।
सरकार ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को इस मामले की जांच करने को कहा था। इससे पहले पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने दो अगस्त को इस मामले में अपने फैसले में खान की पार्टी को प्रतिबंधित स्रोतों से निधि हासिल करने का दोषी ठहराया था।
खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी और निर्वाचन आयोग के बीच टकराव चलता रहा है। खान मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा पर पक्षपात करने का आरोप लगाते रहे हैं।
पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा था कि खान की पार्टी को भारतीय मूल के एक कारोबारी समेत 34 विदेशी नागरिकों से नियमों के खिलाफ जाकर निधि मिली थी। यह पूर्व प्रधानमंत्री के लिए एक बड़ा झटका है।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने कहा कि एफआईए ने शनिवार को जांच का दायरा बढ़ाते हुए पांच सदस्यीय विशेष निगरानी दल का गठन किया था। उसने नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष असद कैसर, प्रांतीय मंत्री महमूदुर रशीद, सिंध के पूर्व गवर्नर इमरान इस्माइल समेत सत्तारूढ़ पार्टी के पूर्व पांच नेताओं को उसके समक्ष इस महीने पेश होने का समन देते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है।
प्रशिक्षण निदेशक मुहम्मद अतहर वहीद के नेतृत्व में गठित यह पांच सदस्यीय विशेष दल पेशावर, लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, क्वेटा और फैसलाबाद में मंडल जांच दलों के साथ समन्वय के लिए जिम्मेदार होगा।
पीटीआई के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने नवंबर 2014 को मामला दर्ज किया था। बाबर अब पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं।
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