जरुरी जानकारी | दो कंपनियों के समाधान से रिलायंस कैपिटल के कर्ज में 50 प्रतिशत की कमी आएगी: अनिल अंबानी

मुंबई, 14 सितंबर रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने मंगलवार को कहा कि रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (आरसीएफ) और रिलायंस होम फाइनेंस (आरएचएफ) की समाधान प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने से रिलायंस कैपिटल को अपने कुल कर्ज में 50 प्रतिशत यानी 20,000 करोड़ रुपये की कमी लाने में मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि कर्जदाताओं ने इस साल की शुरुआत में आरसीएफ और आरएचएफ का अधिग्रहण करने के लिए ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (ऑथम) को सफल बोलीदाता के रूप में चुना था।

रिलायंस कैपिटल की रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (आरसीएफ) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि रिलायंस होम फाइनेंस में वह बहुलांश हिस्सेदार है।

अंबानी ने कहा कि रिलायंस कैपिटल के ऊपर एकीकृत रूप से 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। दो वित्त संस्थानों...आरसीएफ और आरएचएफ...के समाधान की प्रक्रिया के पूरी होने से रिलायंस कैपिटल के कर्ज में कमी आएगी।

उन्होंने रिलायंस कैपिटल की सालाना आम बैठक में कहा, ‘‘इन दो कंपनियों (आरसीएफ और आरएचएफ) के बीच 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था और ये अब रिलायंस कैपिटल के बही-खाते से हट जाएंगे। यानी आरएचएफ और आरसीएफ के केवल दो सौदों से हमारे कर्ज में 50 प्रतिशत यानी 20,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी।’’

उन्होंने कहा कि इसके बाद रिलायंस कैपिटल पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिये मोटे तौर पर 15,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके अलावा करीब 5,000 करोड़ रुपये मूल्य का असुरक्षित और गारंटी वाला कर्ज है।

अंबानी ने कहा कि ऑथम आरसीएफ के लिये 2,200 करोड़ रुपये और आरएचएफ के लिय 2,900 करोड़ रुपये देगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब इस सौदे को पूरा कर लिया है। हमें नियामक और अन्य अनुमोदनों के आधार पर विश्वास है कि ये दोनों कंपनियां प्रबंधन और नियंत्रण में बदलाव के तहत आगे बढ़ेंगी।’’

ऑथम ने कहा है कि वह आरसीएफ और आरएचएफ के कर्मचारियों को बनाये रखेगी।

उन्होंने कहा कि इन दोनों कंपनियों के बीच 20,000 डिबेंचरधारक हैं और निवेशकों को उनका पूरा बकाया मिलेगा।

अंबानी ने शेयरधारकों से कहा कि रिलायंस कैपिटल के तहत आने वाली रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज अच्छा काम कर रही हैं और वित्तीय क्षेत्र के समक्ष जो चुनौतियां हैं, उससे वे प्रभावित नहीं हुई हैं।

उन्होंने कहा कि इन कंपनियों में पर्याप्त पूंजी है और अलग से पैसा लगाने की जरूरत नहीं है।

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