नयी दिल्ली, 11 नवम्बर उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में बीजापुर के आदिलशाही वंश के सेनापति अफजल खान के मकबरे के आसपास की सरकारी जमीन पर कथित अनधिकृत ढांचों को हटाने के लिए चलाए गए अभियान पर सतारा जिला कलेक्टर और उप वन संरक्षक से शुक्रवार को रिपोर्ट तलब की।
महाराष्ट्र सरकार ने प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को अवगत कराया कि अनधिकृत ढांचे गिराने के जिस अभियान के खिलाफ मौजूदा याचिका दायर की गई है, वह अभियान पूरा हो चुका है और सरकार तथा वन भूमि पर बने अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया है।
शीर्ष अदालत ने इस अभियान के समापन के संबंध में राज्य सरकार की दलीलों का संज्ञान लिया और सतारा के जिला कलेक्टर और उप वन संरक्षक को दो सप्ताह के भीतर अपनी-अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा कि रिपोर्ट में अनधिकृत संरचनाओं की प्रकृति के साथ-साथ इस बात का भी संकेत होना चाहिए कि इन ढांचों को ढहाने के मामले में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था या नहीं।
पीठ बृहस्पतिवार को अफजल खान की कब्र और उसके आसपास जारी विध्वंस पर रोक लगाने की मांग वाली एक अंतरिम याचिका पर आज सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी।
अफजल खान महाराष्ट्र के सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले के पास मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के हाथों मारा गया था और बाद में उसकी याद में एक मकबरा बनाया गया था।
बृहस्पतिवार को तड़के इन कथित अनधिकृत ढांचों को हटाने की कवायद शुरू हो गई थी।
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