इंदौर (मध्यप्रदेश), छह दिसंबर संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. आंबेडकर की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को इंदौर में उनकी प्रतिमा के पास सांची स्तूप के दक्षिणी द्वार की प्रतिकृति स्थापित की गई।
खास बात यह है कि इस प्रतिकृति को लोहे के लगभग एक टन कबाड़ को तराश कर तैयार किया गया है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर के गीता भवन चौराहे के आंबेडकर प्रतिमा स्थल पर इस प्रतिकृति का लोकार्पण किया।
भार्गव ने बताया कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े सांची स्तूप के दक्षिणी द्वार की यह प्रतिकृति 15 फुट ऊंची, 10 फुट चौड़ी और 1.60 फुट मोटी है।
महापौर ने कहा कि यह प्रतिकृति अपशिष्ट प्रबंधन के उस ‘‘3 आर’’ (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) फॉर्मूले से प्रेरित है जिसके बूते केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार सात सालों से अव्वल बना हुआ है।
भार्गव ने बताया कि इस प्रतिकृति को बनाने में लोहे की चादर, लोहे के पाइप, पुरानी मोटरसाइकिल की चेन व अन्य कलपुर्जे, नट-बोल्ट, पुरानी व्हीलचेयर और लोहे के अन्य सामान के करीब एक टन कबाड़ का इस्तेमाल किया गया है।
आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को इंदौर के पास महू के काली पलटन इलाके में हुआ था। छह दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनका निधन हुआ था।
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