नयी दिल्ली, 19 जुलाई देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. ने जून तिमाही के अपने शुद्ध लाभ में पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। रिफाइनिंग और पेट्रो-रसायन कारोबार के कम मार्जिन ने दूरसंचार एवं खुदरा कारोबार में मिली बढ़त को भी फीका कर दिया।
तेल से लेकर खुदरा और दूरसंचार कारोबार तक में सक्रिय रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में समूह का एकीकृत शुद्ध लाभ 15,138 करोड़ रुपये यानी 22.37 रुपये प्रति शेयर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 16,011 करोड़ रुपये यानी 23.66 रुपये प्रति शेयर था।
इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने रिकॉर्ड 18,951 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया था। तिमाही आधार पर कंपनी का शुद्ध लाभ 20 प्रतिशत घटा है।
आलोच्य तिमाही में परिवहन ईंधन के मार्जिन में कमी के अलावा रिलायंस का मूल्यह्रास लागत पर भी अधिक खर्च हुआ, जिससे कंपनी की लाभप्रदता प्रभावित हुई। पेट्रोल की कीमतों में 30 प्रतिशत की गिरावट और रसायन कारोबार के मार्जिन में कमी दर्ज होने से ऐसा हुआ।
हालांकि अरबपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने खुदरा और दूरसंचार कारोबारों में तेजी का सिलसिला जारी रखा। 5G सेवाओं को बढ़ावा देने के कारण रिलायंस जियो डेटा शुल्क के मामले में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता बन गई। वहीं खुदरा कारोबार ने अपने विस्तारित स्टोर नेटवर्क पर ग्राहकों की संख्या में वृद्धि के कारण स्थिर प्रदर्शन किया।
रिलायंस समूह के सभी कारोबारों में विस्तारित परिसंपत्ति आधार के कारण मूल्यह्रास/ परिशोधन व्यय जून तिमाही में 15.5 प्रतिशत बढ़कर 13,596 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान वित्त लागत में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
परिचालन के लिहाज से कंपनी की एबिटा यानी कर-पूर्व आय दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ 42,748 करोड़ रुपये रही।
कंपनी का परिचालन राजस्व अप्रैल-जून 2024 की अवधि में 11.5 प्रतिशत बढ़कर 2.57 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 2.31 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन यह जनवरी-मार्च 2024 की 2.64 लाख करोड़ रुपये की परिचालन आय से कम रहा।
रिलायंस का मुख्य कारोबार तेल शोधन एवं पेट्रोकेमिकल यानी ओ2सी कहा जाता है। बीती तिमाही में इस कारोबार की एबिटा 14.3 प्रतिशत गिरकर 13,093 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने कहा कि ऐसा "परिवहन ईंधन क्रैक कम होने, विशेष रूप से पेट्रोल क्रैक के कारण हुआ, जो साल-दर-साल 30 प्रतिशत कम था। केमिकल मार्जिन भी सालाना आधार पर कम रहा।"
ईंधन क्रैक का आशय कच्चे तेल को शोधित कर पेट्रोल एवं डीजल जैसे ईंधन में परिवर्तित करने से है। एक बैरल कच्चे तेल और उससे परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के बीच का अंतर ईंधन क्रैक कहा जाता है।
रिलायंस की डिजिटल कारोबार इकाई जियो इन्फोकॉम का उपभोक्ता आधार बढ़कर 48.97 करोड़ हो गया जबकि मार्च के अंत में यह 48.18 करोड़ था। आलोच्य अवधि में जियो का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) 180.5 रुपये से बढ़कर 181.7 रुपये हो गया। जियो का शुद्ध लाभ 11.7 प्रतिशत बढ़कर 5,698 करोड़ रुपये हो गया।
रिलायंस के मुताबिक, प्रति व्यक्ति डेटा खपत बढ़कर 30.3 जीबी प्रति माह यानी एक दिन में एक जीबी से अधिक हो गई। इस तरह डेटा ट्रैफिक के मामले में जियो वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा ऑपरेटर बन गया है। इसके अलावा जियो ग्राहकों के मामले में चीन के बाहर सबसे बड़ा 5जी सेवा प्रदाता बन गया है।
कंपनी का खुदरा कारोबार से लाभ 4.6 प्रतिशत बढ़कर 2,549 करोड़ रुपये हो गया। जून तिमाही में इसके स्टोर की संख्या बढ़कर 18,918 हो गई जबकि मार्च अंत में यह संख्या 18,836 थी।
तेल और गैस कारोबार की कर पूर्व आय 30 प्रतिशत बढ़कर 5,210 करोड़ रुपये हो गई, क्योंकि गैस उत्पादन की अधिक मात्रा ने कम कीमत प्राप्ति की भरपाई कर दी। पूर्वी तट पर स्थित केजी-डी6 ब्लॉक से औसत गैस उत्पादन 2.87 करोड़ मानक घन मीटर प्रति दिन था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि इसका शुद्ध ऋण पिछली तिमाही में घटकर 1.12 लाख करोड़ रुपये रह गया जबकि 31 मार्च को यह 1.16 लाख करोड़ रुपये था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने इन तिमाही नतीजों पर कहा: "एकीकृत कर पूर्व आय एक साल पहले की तुलना में सुधरी है। इस दौरान उपभोक्ता और तेल एवं गैस कारोबारों से मजबूत अंशदान ने कमजोर ओ2सी परिचालन परिवेश की भरपाई की है। इस तिमाही में रिलायंस का जुझारू परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन इसके विविध कारोबारों के पोर्टफोलियो की ताकत दिखाता है।"
अंबानी ने कहा कि डिजिटल सेवा कारोबार ने सालाना आधार पर प्रभावशाली वित्तीय प्रदर्शन किया है और अपनी सकारात्मक वृद्धि रफ्तार को जारी रखा है। साथ ही खुदरा कारोबार ने पिछले साल की तुलना में मजबूत वित्तीय नतीजे दिए हैं।
उन्होंने कहा कि रिलायंस ने नई ऊर्जा गीगा-कारखानों के क्रियान्वयन पर महत्वपूर्ण प्रगति की है लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा, "पूरा होने पर ये परियोजनाएं भारत को एक विश्व स्तरीय, एकीकृत हरित ऊर्जा परिवेश प्रदान करेंगी जो टिकाऊ विकास के अगले चरण को आगे बढ़ा सकती हैं।"
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