इस बीच, अमेरिका ने चीन के निगरानी गुब्बारा कार्यक्रम का खुलासा करने के लिए अपने मित्रों एवं सहयोगियों, खासकर अपने ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) सहयोगियों- ऑस्ट्रेलिया, भारत एवं जापान के साथ अपने राजनयिक प्रयास तेज कर दिए है।
चीन रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता तान केफेई ने अमेरिका द्वारा गुब्बारा नष्ट किए जाने के बीच, बृहस्पतिवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि अमेरिका के कदम ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का गंभीर उल्लंघन किया और एक विनाशकारी मिसाल कायम की।’’
तान ने कहा, ‘‘अमेरिका के इस गैरजिम्मेदार और पूरी तरह गलत दृष्टिकोण ने दोनों सेनाओं के बीच बातचीत और आदान-प्रदान के लिए उचित माहौल नहीं बनाया तथा इसी लिए चीन ने दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच फोन कॉल के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।’’
बीजिंग ने कहा कि अमेरिका ने गुब्बारे को नष्ट करके ‘‘जरूरत से ज्यादा कार्रवाई की’’। उसने इस कार्रवाई को ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ करार दिया।
इस बीच अमेरिका के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन के गुब्बारा निगरानी कार्यक्रम से अमेरिका समेत कम से कम 40 देश प्रभावित हुए हैं, लेकिन उन्होंने उन देशों के नाम बताने से इनकार कर दिया, जहां अब तक ये गुब्बारे देखे गए हैं।
चीन ने इस तरह का कोई भी कार्यक्रम चलाने से इनकार किया है, लेकिन अमेरिका ने कहा कि वह चीन में इस तरह के कार्यक्रम को बढ़ावा देने वाले संगठनों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने सहित कार्रवाई करने पर काम कर रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने इस प्रणाली का जल्दी पता लगा लिया और विवेकपूर्ण कार्रवाई की, इसलिए हम इसकी खुफिया जानकारी एकत्र करने की क्षमता को कम करने में सक्षम रहे।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन हर देश के लिए ऐसा करना संभव नहीं होगा और इसलिए अमेरिका उन देशों को सूचना मुहैया कराएगा, जो इस प्रकार के कार्यक्रम से रक्षा के लिए मददगार हो सकती है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पांच महाद्वीपों के 40 देशों में फैला है।
अमेरिका ने शनिवार को अटलांटिक महासागर में साउथ कैरोलाइना के तट के पास एक लड़ाकू विमान की मदद से एक बड़े गुब्बारे को नष्ट कर दिया था, जो 30 जनवरी को अमेरिकी हवाई क्षेत्र में घुसा था।
अमेरिका ने अपने क्वाड सहयोगियों और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सहयोगियों के साथ यह सूचना साझी की है।
प्राइस ने कहा कि अमेरिका इस प्रकार के कार्यक्रम के निशाने पर आए देशों का एक औपचारिक गठबंधन बनाने की सोच रहा है।
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