नयी दिल्ली, 10 सितंबर उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने मद्रास उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी और चार अन्य अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की मंगलवार को सिफारिश की।
पिछले साल न्यायमूर्ति गौरी की उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले, बार के कई सदस्यों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनके कथित नफरती भाषणों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ाव की बात कही थी।
पिछले साल सात फरवरी को शीर्ष अदालत ने गौरी को मद्रास उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा उनके नाम की सिफारिश करने से पहले एक "परामर्श प्रक्रिया" हुई थी।
मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की तीन सदस्यीय उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने अदालत के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए तीन महिलाओं सहित पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव पारित किया।
कॉलेजियम ने जिन पांच न्यायाधीशों के नामों को मंजूरी दी, वे हैं न्यायमूर्ति लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी, न्यायमूर्ति पिल्लईपक्कम बहुकुटुम्बी बालाजी, न्यायमूर्ति कंधासामी कुलंदावेलु रामकृष्णन, न्यायमूर्ति रामचंद्रन कलाईमथी और न्यायमूर्ति के. गोविंदराजन तिलाकावडी।
शीर्ष अदालत के तीन न्यायाधीशों ने मद्रास उच्च न्यायालय कॉलेजियम के 29 अप्रैल, 2024 के प्रस्ताव पर गौर किया, जिसमें इन पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की गई थी।
उसने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने सिफारिश से सहमति जतायी है।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘उपर्युक्त प्रस्ताव के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम का मानना है कि अतिरिक्त न्यायाधीश (1) न्यायमूर्ति लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी, (2) न्यायमूर्ति पिल्लईपक्कम बहुकुटुम्बी बालाजी, (3) न्यायमूर्ति कंधासामी कुलंदावेलु रामकृष्णन, (4) न्यायमूर्ति रामचंद्रन कलाईमथी और (5) न्यायमूर्ति के. गोविंदराजन तिलाकावडी, स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए उपयुक्त हैं।’’
एक अन्य प्रस्ताव में, शीर्ष अदालत के तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए तीन न्यायिक अधिकारियों के नामों की भी सिफारिश की।
तेईस अप्रैल, 2024 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से इन न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति की सिफारिश की।
प्रस्ताव में कहा गया, "उपरोक्त के मद्देनजर, कॉलेजियम यह सिफारिश करने का संकल्प लेता है कि न्यायिक अधिकारियों (1) आर. पूर्णिमा, (2) एम. जोतिरमण और (3) डॉ. ऑगस्टीन देवदास मारिया क्लेटे, को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए।"
इसमें कहा गया कि 23 अप्रैल, 2024 के प्रस्ताव में कुछ वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों की सिफारिश नहीं की गई है और उनके नामों की सिफारिश नहीं करने के लिए उच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा ठोस कारण दर्ज किए गए हैं।
तीन सदस्यीय शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने प्रस्ताव में कहा, "इसलिए, हम उन्हें नजरअंदाज करने के लिए उच्च न्यायालय कॉलेजियम से सहमत हैं।"
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