मुंबई, 21 अक्टूबर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट में से 210 पर आम सहमति पर पहुंच गया है, जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि उनकी पार्टी के लिए 96 सीट पर चर्चा पूरी हो गई है।
हालांकि, दोनों ने एकमत होकर दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)चुनाव से पहले गलत सूचना फैला रही है। राज्य में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होगा। नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा (एसपी) शामिल हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘महायुति’ पर निशाना साधते हुए कहा कि एमवीए का उद्देश्य महाराष्ट्र को लूटने वाली ताकतों की हार सुनिश्चित करना है। ‘महायुति’ में शिवसेना, भाजपा और अजित पवार नीत राकांपा शामिल हैं।
राज्यसभा सदस्य और शिवसेना (यूबीटी) के अहम रणनीतिकार राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम 210 सीट पर आम सहमति पर पहुंचे हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारा लक्ष्य एक संयुक्त ताकत के रूप में चुनाव लड़ना है और हम महाराष्ट्र को लूटने वाली ताकतों को हराएंगे।’’
दिल्ली में पत्रकारों के साथ बातचीत में पटोले ने कहा कि एमवीए में कोई मतभेद नहीं है और सीट बंटवारे पर चर्चा हो रही है तथा यह जल्द ही पूरी हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक कांग्रेस के लिए 96 सीट पर चर्चा पूरी हो चुकी है। कल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आगे की बातचीत होगी। इस चर्चा के बाद हम कल ही उम्मीदवारों की सूची घोषित करने का प्रयास करेंगे।’’
पटोले और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अन्य नेता विधानसभा चुनाव के लिए सीट और उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली में हैं।
राउत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब समाचार चैनलों पर ऐसी खबरें प्रसारित हुईं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी एमवीए से अलग हो सकती है और अपने दम पर सभी 288 सीट पर चुनाव लड़ सकती है।
पिछले कुछ दिनों में तीनों मुख्य विपक्षी दलों के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए गहन विचार-विमर्श हुआ है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस और शिवसेना के बीच मुद्दे पर सहमति नहीं है।
राउत का यह बयान ऐसे समय भी आया है, जब ऐसी अटकलें हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे फोन पर बात की है। इससे संकेत मिलता है कि 2019 में अलग होने से पहले दशकों तक सहयोगी रहीं शिवसेना और भाजपा अब फिर साथ आ रही हैं।
दोनों दलों ने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद अपना गठबंधन तोड़ दिया था। उस समय अविभाजित शिवसेना ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यमंत्री पद बारी-बारी से साझा करने के अपने वादे से मुकर रही है। भाजपा इस आरोप को खारिज करती रही है।
अमित शाह से फोन पर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, ‘‘भाजपा गलत सूचना फैला रही है। हम जानते हैं कि यह कौन कर रहा है। पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का डर है और इसीलिए वह गलत सूचना फैलाने का काम कर रही है।’’
राउत ने कहा कि भाजपा ने (जून 2022 में) शिवसेना में विभाजन कराया, ठाकरे की एमवीए सरकार को गिरा दिया और यह भी सुनिश्चित किया कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट को मिले।
उन्होंने शिवसेसना (यूबीटी) और भाजपा के फिर से गठबंधन को असंभव करार देते हुए कहा, ‘‘भाजपा ने सबसे बुरा काम यह किया कि उसने सरकार की बागडोर गद्दारों (शिंदे और बागी विधायकों के लिए उद्धव गुट इसी शब्द का इस्तेमाल करता है) को दे दी, जो पिछले कुछ साल से राज्य को लूट रहे हैं।’’
राउत ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की गलत सूचना का एमवीए में सीट बंटवारे की चर्चा से कोई लेना-देना नहीं है।
कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा शिवसेना (यूबीटी) के बारे में मीडिया को जानकारी लीक किए जाने संबंधी सवाल पर राउत ने कहा कि वह ‘‘इस बात से हैरान हैं कि कोई कांग्रेस नेता ऐसी टिप्पणी कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा की सहायता नहीं करेंगे, जो संविधान को कमजोर करना चाहती है और महाराष्ट्र के गौरव का निरादर करती है।’’
पटोले ने कहा, ‘‘शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन छोड़ने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है। भाजपा विपक्षी दलों के बारे में गलत सूचना फैला रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। इस हार के डर से वे इस तरह का खेल खेल रहे हैं। कांग्रेस की ओर से भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है। हमारे सभी सामूहिक प्रयास महाराष्ट्र में एमवीए को सत्ता में लाने पर केंद्रित हैं।’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भाजपा का हिंदुओं के प्रति प्रेम दिखावा है। जब नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए, तो उन्होंने ‘विश्वगुरु’ होने का दावा किया। हालांकि, इन 11 वर्षों में किसानों की आत्महत्या में वृद्धि हुई है और उनमें से अधिकतर हिंदू थे।’’
पटोले ने कहा कि बेरोजगारी के कारण कई लोगों ने अपनी जान दे दी और इनमें से भी अधिकतर हिंदू थे।
वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
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