नयी दिल्ली, 29 जुलाई राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को अलग-अलग मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे के कारण आज भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि नियत कामकाज स्थगित कर कुछ विषयों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और रंजीत रंजन ने सेना में भर्ती की ‘‘अग्निपथ योजना’’ पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, भाकपा सदस्य विनय विश्वम और माकपा के इलामारम करीम ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं।
हरिवंश ने बताया कि सभापति एम वेंकैया नायडू ने इन्हें अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि सभापति के अनुसार, महंगाई के विषय पर अगले सप्ताह चर्चा होने जा रही है और पांच नोटिस महंगाई से संबंधित हैं।
उपसभापति हरिवंश ने कहा कि कल सभापति ने कहा था कि अन्य विषयों को उन्होंने शून्यकाल में उठाने के लिए मंजूरी दी थी लेकिन ये मुद्दे नहीं उठाए जा सके।
इसी बीच कांग्रेस सदस्य और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा। उपसभापति ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा लेकिन इसी दौरान सदन में हंगामा शुरू हो गया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे।
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता द्वारा राष्ट्रपति को ‘‘राष्ट्रपत्नी’’ कहे जाने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग उठाई। वहीं विपक्षी सदस्य अपने कुछ साथियों का निलंबन रद्द करने, गुजरात में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत होने, महंगाई और अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहे थे।
उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर ही बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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