ताजा खबरें | विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण दिन भर बाधित रही राज्यसभा की कार्यवाही

नयी दिल्ली, दो फरवरी राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न मुद्दों पर कार्य स्थगन के प्रावधान वाले नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही और बैठक को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे के कुछ ही मिनट बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

विपक्ष के हंगामे के कारण उच्च सदन में शून्यकाल एवं प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया।

इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शांति भूषण के निधन का उल्लेख किया। उनके योगदान की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि शांति भूषण उच्च सदन के पूर्व सदस्य थे।

इसके बाद सदस्यों ने उनके सम्मान में कुछ देर मौन रखा।

धनखड़ ने इसके बाद सदन को बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुची शिवा सहित कुल नौ सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं।

उन्होंने पूर्व की अपनी व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि इनमें से कोई भी नोटिस स्वीकार किए जाने की अनिवार्यताओं को पूरा नहीं करता है, लिहाजा उन्होंने इन्हें अस्वीकार कर दिया।

उनके ऐसा कहते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

धनखड़ ने सदस्यों से सदन में शांति और व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया लेकिन अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर सात मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सभापति धनखड़ ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने और उस पर चर्चा कराने के लिए कहा। किंतु विपक्षी सदस्यों ने नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी। सदन में हंगामा शुरू होने के कारण सभापति ने दोपहर दो बजकर तीन मिनट पर बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय के अनुसार, कांग्रेस नेता खरगे ने नियम 267 के तहत बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के निवेश के मुद्दे पर चर्चा का नोटिस दिया था।

शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने एलआईसी, एसबीआई आदि की होल्डिंग्स के ओवरएक्सपोजर की रिपोर्ट की गई घटनाओं के आलोक में तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था।

माधव अविनाश ब्रजेन्द्र

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